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________________ 1481. •Vedanta 191 कंठमलिमणिमालवनिमानुनीलगिरिमांदि गंगजुभाई..... माणकके मनमांहि वसो नंदकों नंदनवाल कनाई ॥१॥ गोधनके संग आवत गावतं सीवनाचत है मग मैं , भालतिलक उरमालधरि कटि किंकनी नूपुर हैपगमैं चिंतत हि चित चोरत है चग है कोई माणकमहाचगमैं - भैसो ध्यान सदा उरमाहि वसो बडो जीवनको फलयोजगमैं ॥२॥ fol. 20 कधित - भाचार्य गुहमा सर्व संतनको ध्यान सदा सर्वदा कुमेरे उरबसी आयके जाके अनुग्रहकरि संसार अपार सिंधु तिरिजन सुखी होत परतीर पायके जाके अनुग्रहविना अल्पसुखदुःखमाहि दुवी मरे जीव जेसें चीटीर सुर जायके मेरे कछुवलनादि उनुं के अनुग्रह करि भाल्मविचार करंटोलबजाक्षकै fol. 4b भविद्यानिवृत्तिका शशा प्रातिको साज भात्मविचार कर्ह भोर माहि fol.5. fol. 50 भात्म विचार संशेवृक्षको कुधारभवजलधि भपार पारपायचे कुं सेतुसो॥ fol.5b अतिहिसघनभववनताकुंजारिकुं प्रबल प्रचंडमानु उदे धूमकेतुभो। fol. 66 : साधन संयुक्त होथयाचिप्तकुकुंषोययाहिको विचार करे ईके भव= .. छेतुजो ॥ ४ ॥ etc. . Comm.- fol. 16 , नमो परमात्मने॥ मंगलायनकरुणा..वतमसर्वकल्याण गुणधाम मम मामससरहंसवतरमसाकस्कु सीयाराम ॥ ध्यानपूर्वक ईष्टदेवताकी प्रार्थना करे.है सामेति सामशरीरकै धनकी उपमा. फुरकता पीतंवरकुं दामिनीकी उपमा शीशकुं धनकी उपमा मणिजटीतमुकूटई.. रविकी . उपमा.etc.... ............................... ............. . . ....:
SR No.018117
Book TitleDescriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 09 Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumitra Mangesh Katre
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1949
Total Pages504
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size24 MB
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