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Națaka
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प्रसन्नराघव
Prasannarāghava No. 128
142.
1866-68. Size.— 123 in. by s in. Extent.-- 55 leaves ; 10 lines to a page ; 44 letters to a line. Description.- Modern blue paper with water-marks; Devanagari
characters; hand-writing clear, legible and uniform ;
complete. Age.- Saka I789. Author.- Jayadeva. Begins.-- fol. 10
श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीधारणासरस्वत्यै नमः ।। चत्वारः प्रथयंतु etc. as in No. 124. fol. II प्रसन्नराघवनाटके प्रथमोंकः पर्याप्तः ॥
fol. I7" इति श्रीप्रसन्नराघवनाटके श्रीजयदेवरुते द्वितीयोंकः॥ Ends--- fol 55a
तथापीदमस्तु॥ आबाल्यावदनांबुजे etc. up to इति पुष्पकादवतरणं सवृत्तामति निष्क्रांताः सर्वे ।as in No. I24. followed by इति सप्तमोंकः जायंतामभिराम etc. up to श्लेषांस्तृणं मन्यते ॥१॥
as in No. 124. followed by नाटकघटितमदः पद्यं ॥ ____ इति श्रीजयदेवकवींद्रचूडामणीविरचितं प्रसन्नराघवनाटकं संपूर्ण ॥ श्रीदंतिलपननीलांबाभर्गचरणेषनतिर्विजयतुतरां ॥ स्वस्ति श्रीशालिवाहनशके १७८९ प्रभवसंवत्सरे माघशुक्लपक्षे समाप्तं । छ॥
ग्रंथसंख्या १८०० श्रीकृष्णनाथप्रसन्नोस्तु References.- Same as in No. 124. .