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जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय ग्रंथ :
सीलविषयक उपदेश 8
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S
"
ढोक स्वरूप
औपदेशिक
"
"
सदाचारी का स्वरुप 4
"
"
7
27
"
"
सम्यग्
ओपदेशिक
"
"
"
""
ज्ञानदर्शन
चरित्र
3
25×11*13 × 28
24 x 15 * 29 x 18
25 x 11*17 x 40
25x11*14 x 37
26 × 12 * 14 × 45
5,8
25 x 12 व 20 x 12
27,27 25 x 12 26 x 12
26 x 11 13 x 32
26 × 11 *17 × 59
26×11*17 x 64
26 × 11 * 5 × 34
26 × 12*17 x 45
4
3
8
20
11
5
13
8
गुरु तत्व विषयक 3
कषाय त्यागोपदेश 1
श्रावक के 35 गुण 4
मोक्ष मार्ग वर्णन
11
10
मूर्खो के 100 प्रकार 4
संथारा (अंताराधना) 8
3*1
2
15
4
3
8A
14
25x11 * 6x36
26 × 12 * 5 × 52
26 x 12 व 25 × 11
26 x 12*15 x 43
25 × 11 *14 x 42
26 x 12 * 2 x 24
24 x 13 *12 x 25
25x11*4 x 26
32 × 17 *15 x 50
26 × 12017 x 40
25 x 10 13 x 51
26x10 * 15 x 51
26 × 11 * 13 × 42
सं. 10 ढाल
सं. 40 गा.
"
11
"
11
33
अ. गा. 396 तक है
सं. 104 गा.
"
11
"
531 T.
21
9
31
"
"
""
श्लो.
गा.
95 गा.
अ. 14 गा. तक
सं. 10 पलोक
गा.
39 गा.
संपूर्ण
अ. मोक्ष तत्त्व तक
सं. 104 गा. अंत में
सड़क गाड़ी संवाद 108 IT.
27 श्लोक
107 TT.
1879 रामपुरा
1827
18वीं
1874
20वीं
19/20वीं
20वीं
16वीं
18वीं
1641
18वीं
1834 जोधपुर जयसिंह
20वीं
x व्यास कस्तूरचंद
19वीं बालोतरा विवेकसागर
1889 x विवेकसागर
20वीं
"
11
10
1928
1896 व्यालपुर ज्ञानचंद
1900
20वी
1715
1753 सिणली रूपचंद
19वीं
11
63
मोक
1685 फलोधी कृति