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48
माग-2
2
ЗА
4
5
6
221
| सं.बा.
चौबीसदण्डक
गजसार 0
धवलचंद
मू+ट(प.ग)
प्रा.मा.
बा. 102
सि. 137 B-184 B-1072
चौवीसदण्डक-विचार बा. Cauvisadandaka
Vicāra " 30 द्वार
, 3, Dvara
224
,,
क्रम
"
Krama
सि. 138
,,व गुण स्थान |
-
& Gunasthana
Stavana
227 | बा. 100
, स्तवन
धर्मसी
228
सि. 139
चौवीसद्वार
Cauvisa dvāra
229
सि. 140
छ:आरों के बोल
Chah Aromkebola
230-1
, 141-2
छ:काय के बोल 2प्र. ,, Kaya ke , छत्तीस बोल काथोकड़ा | Chattisa-Bola-Ka
Thokarā
232
, 143
233
रा. 19/14
234
रा. 19/5
235
सि. 906
छत्तीस बोलछवीसद्वारादि | Chattisa Bola
Chavisadāra जयमलजी की साखिये | Jajamalaji-ki
Sākbiyeń जिनपूजनं
Jinapūjanar
जयमलजी
236
बा.104
237 B-773 जिनवर उपदेश
Jinavara Upades'a | ऋ. रायचन्दd/o
जैमल 238-9 B-1022-32 जीवभेद 2प्रति | Jivabheda 240-1 | रा. 19/2,20/5 | , 2प्रति 242 | B-640
, नवतत्त्व व शरणा
" etc.
243 बा. 106. जीवस्वरूप नवतत्त्वादि | Jivasvarupa ज्ञानसारd/oरत्नराज प
विचार | Navatattvadi Vicaral 244-50B-24,119,342 | जीवाजीव विचार प्रति | Jivajiva Vicara | शांतिसूरि मू+ट (प.ग) 535,553,610,
847 251-2 | सं.बा
प्रा.मा.
253
सि. 144
254-6| B-49,356,367
मू+व्या (प.ग)| प्रा.मा.