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विमान-१ प्र:-प्रङ्ग सूत्र
8A
9
10
.
109
24x12*5x40
सं. द्वितीय स्कन्ध
१८५४
द्वितीय अंगरिसमयादि
104
28x13*5x40 |
सं.
,
,
१९१२ x जसविजय
41से66 24 से 26 x 11-12 | सं. प्रथम स्कन्ध ग्र 6000 १६/२०वीं भिन्न, भिन्न
प्रति सामान्य
46 से | 24 से 27x 11 से 13 | सं. द्वितीय स्कन्ध 108 16,15 25 26x11,12 | पू. प्रथम स्कन्ध
,
" अन्तिम पन्ना कम
रस्तुति
1 से 4 | 24 से 25x9 से 12 | केवल छठा प्र
अति सामान्य
267 | 25x12*7x 34
|
सं. ग्रं. 14973
१८६० बालोत्रा रत्नजीत
द्वतीय अंग1 से 10 बोल
सं. दस स्थान तक
178 से 25 से 27x12 210 ।
27x11*11x32
१६/२०वीं भिन्न भिन्न | । अति सामान्य १६६५ स्तंभन तीर्थ
12
25x12*14x33
१६१४
27x11*17x60
सं. प्र. 1767
१६वीं
तुर्थ अंगख्यिानुसार बोल
१६२० में प्रदत्त भाव हर्ष मुनि को
47
26x11*15x43
१६६७,जैसलमेर, गुरसेन
119 | 26x11*6x46
सं. ग्रं. 8175
१६६७, मेडता, लक्ष्मीचंद
64
।
27x11*11x35
सं. ग्रं. 1667
१७वीं
135
24x11*5x46 । सं. ग्रं. 7175
१७२३,सिरोही रत्नगणि १८०४, x,प्रार्या खुशाला
97
|
28x13*8x39
,, 1684
26x11*17x56
,,, 3800
१७वीं (र.सं. 1120)
प्रशस्ति ८ श्लोकों में
26x11*16x44
लगभग पूर्ण
१७वीं
प्रथम व अंतिम पन्ना कम पावचंद गच्छीय
26- 11*12x34
२०वीं
सं. ग्रं. 16000
१५६४
सं. ग्रं. 15775
२०वीं भिन्न-भिन्न
अति सामान्य
म मंग, भ. महा-413 26x11*13x45 रद्वारा प्रश्नोत्तर
25 से 26 x 12 596 86,124, 118 309 | 26 x 11*9x40
प्र. शतक 7 तक है
"
"
"
| १९वीं