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प्रतिलखन संवत्, स्थल | विशेष ज्ञातव्य
विषय संकेत
विभाग-१ :-प्रङ्ग सूत्र नाम पंक्त्याक्षर
परिमाण लं- चौ *पं- अ.
8A
पन्ने
लिपिक 10
209
26 x 11*18x80 | सं. दोनो स्कंध
ग्थम अंग प्राचारशास्त्र
| १६ वीं
किञ्चित् दीमकग्रस्त
| प्र. प्रथम स्कन्ध
अ. 9/2 तक है
24 x 11*16 x 42 25 x 11*6 x 30
१७८२, x,ऋ. भोजराज
27x11*22 x 45
१६वीं, मरोट,
26x11*17x50 |
प्रथम स्कन्ध
२० वीं
24 से 26 x 12 से 13 | , ,.
१६/२०वीं, भिन्न भिन्न | अति सामान्य
109
77 से 143
24 से 27x,,
,., द्वितीय स्कन्ध
32,18| 25, 27x11
,प्रथम स्कन्ध
29x 13*11x40 | अ. अ ५/२ तक
१६ वीं
ॐ साधुरत्नका शिष्य
171
पहिले दो उ. कम :
26 x 11*15 x 50 | दोनो स्कन्ध, ग्रं.। 2000 | १७ वीं 27x11*14x45 | सं. ,,
१५८६ लुद्रपुरे
द्वितीय अंग परसमयादि
188
26x !*13x50 I. , ग्रं. 7000
१७ वीं (र.सं. १५८३) प्र. दीपिकाकार की
26x11*13x31
,
8552
१७ वीं
पंचपाठी
26 x 11*5 x 38
सं. प्रथम स्कन्ध
१७६५, जावालपुर, शांति विजय
27x12*7x55
, द्वितीय स्कन्ध
१७५८, शाहामाहनाबाद, भांगा
26 x 11*6 x 48 .
|,दोनो स्कंध ग्रं.10000 | १७८८. विक्रमपुर
जयविजय
26x11*5x43
, प्रथम स्कंध ग्र.4100 | १७८८ फलोदी, धर्मसुन्दर
27-12*6x41
१८१७४ हीरचन्द्र
23x10*16x58
१८३५४ कृष्णदास
25x11*5x36
सं. दोनो स्कंध
१६ वीं