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श्रावक भीमसिंह माणेक.
०.१२
२४३ सारस्वत मुल तीनों वृत्ति अकारादि सूत्रानुक्रम
तथा अष्टाध्यायीसुत्रपाठसहित. २४४सारस्वतपूर्वाध मूल गुटका सटिप्पण. ०-५२४५सारखतपूर्वाध भाषाटीकासहित.-इसमें सूत्रादि
कोंके सविभक्ति सरल अर्थ लिखकर सूत्रोंकी प्रतीक
दे २ कर प्रत्येक प्रयोगोंके साधनकी प्रक्रिया तथा ___ उपयुक्त शंका समाधान लिखा गया है, इससे यह
विद्यार्थियों के बड़े कामकी है. ग्लेज कागज. १-१२२४६ कारकवादार्थ. २४७शब्दव्युत्पत्तिकौमुदी. २४८कृदन्तव्यूह. २४९ धातुरुपावलि.
०-२२५० शब्दरुपावलि-सर्व प्रकारके शब्दरुप एकाक्षरी
कोश तथा हिन्दी विभक्त्यर्थ सहित. यह बहुतही उत्तम तथा अति विस्तृत है. ऐसी सुन्दर और इतनी
• पावली और कहीं नहीं छपी. ०-१२५१ समासचक्र २५२ रामचन्द्रिका नामशब्दरूपावलि
०-४
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