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________________ पाटण श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिरस्थित तपगच्छ जैन ज्ञानभण्डारना हस्तलिखित ग्रन्थोनु सूचिपत्र - द्वितीयो विभागः १४ पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता लोकसया रचनास, लेखनस, स्थिति तम्बार-पहोलाई । क्रमांक १६मो १६२३ १६२७ १७मो १६मो उत्तम ११४ ४।। मध्यम १०111x ४|| १०।।४४| जीर्णप्राय १०।। ४।। उत्तम ११४४।। १५०८१' आचारागसूत्र वृत्ति १५०८२. भगवतीसूत्र समवायाङ्गसूत्र १५०८४, १. सूत्रकृताङ्गसूत्र २. सूत्रकृताङ्गसूत्र नियुक्ति १५०८५. समवायाङ्गसूत्र १५५०८६. ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १५०८७. भगवतीसूत्रवृत्ति १५०८८ कल्पसूत्र सस्तबक" १५०८९ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १५०९०. ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १५०९१. ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १५०९२. ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १५०९३, उपासकदशाङ्गसूत्र वृत्ति १५०९४. उपासकदशाङ्गसूत्र वृत्ति १५०९५. उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक पञ्चपाठ १६४० उत्तम १७मो मध्यम १८१६ उत्तम १५५४ मध्यम १६९२ जीर्ण १६मो उत्तम १७मो २०७ स. शीलाङ्काचार्य १२,००० ७१८ प्रा. सुधर्मास्वामि १६,००० ९५ , सुधर्मास्वामि १.६६७ सुधर्मास्वामि १७५० ४८-५८ भद्रबाहुस्वामि गा, २०८ सुधर्मास्वामि गा २०८ ११६ सुधर्मास्वामि ६.००० ४०७ सं. अभयदेवसूरि १८,६१६ १७१ प्राग मू.१.२१६ १३९ प्रा. सुधर्मास्वामि ५.४६४ १३८ सुधर्मास्वामि ५.७०० सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि ५.४६४ सं अभयदेवसूरि ८८० अभयदेवसूरि प्रा सं. मू सुधर्मास्वामि, मू ८१२ टी अभयदेवसूरि मू सुधर्मास्वामि टी०., मू. ८१२. उभय १.६९२ प्रा. गु स्त, उपा, हर्षवल्लभ ३,०७१ १६९३ प्रा. सधर्मास्वामि ८१२ सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि ८१२ सुधर्मास्वामि ८१२ सुधर्मास्वामि ८१२ शुभवर्धन १५४६ सुधर्मास्वामि १०|| ४|| १०।४४|| १०|| ४| ११४४॥ १०।। ४ ।। १०।। x ४| १०।। ४ ।। १०।। ४।। १०।। ४।। १० x ४|| १७मा .. २९ .. १५०९६, उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक १५०९७. उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तवक १५०९८. उपासकदशाङ्गसूत्र मूल' १५०९९, अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५१००, उपासकदशाङ्गसूत्र १५१०१ उपासकदशाङ्गसूत्र १५१०२ उपासकदशाङ्गसूत्र १५१०३. उपासकदशाङ्गसूत्र १५१०४. उपासकदशाङ्गसूत्र १५१०५ दशश्रावकचरित्र १५१०६. उपासकदशाङ्गसूत्र ८१२ १७८५ १०। ४।। १६१० जीर्णप्राय १०।। ४।। १७मो उत्तम Poti XXIII १६१६ १०।।x ४|| ११- ४॥ १०। ४ ४॥ १० x ४। १६९२ १०x४।। १०x४|| १६११ १०।। ४ ।। २२ .. १७मो १. पत्र ९.मु, ३७५मु अने ६३५मु डबल छे, तेमज पत्र २१४ थी २१९, २३० थी २४७, २५९मु. ३६८मु अने ३७८ मु नथी. २. पत्र ४५मु डबल छे ३. पत्र ३९९ डबल छे ४. प्रति उदरे करडेली छे पत्र ९५म अने २०६मु डबल छे ५. पत्र २६९.५६, ६७मु डबल छे अने ४७९ नथी ६. पति शुद्ध छे ७. प्रति सुधारेली छे ८. चित्रपूष्टिकासह Jan Education intematonal For Private & Fersal Use Only
SR No.018046
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size13 MB
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