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Supplement 1: Narratives
He was given the status of Upadhyaya in V. S. 1554, that of Acarya in V. S. 1565 and that of Yuga-pradhana in V. S. 1599. He died in V. S. 1612 at Jodhapur.
His additional works are as under :
1. अमरद्वासप्तति Vol. XIX, sec. 20 2, pt, 1, No. 19
21.
आगम - छत्रीसी ( षत्रिंशिका )
22.
23. जिनप्रतिमास्थापनाविज्ञप्ति ( रास ) =
2.
3. आत्मशिक्षा
4. ' आदीश्वर - स्तवन - विज्ञप्तिका
5.
6.
' आराधना ( नानी )
""
( मोटी ) = आराधनारास V. S. 1592
7. उत्तराध्ययन-छत्रीसी 8. उपदेश - रहस्य- गीत
9. एकादश- बोल - सज्झाय
10. एकादशवचनद्वात्रिंशिका
11. एकोनत्रिंशद्भावना
12
एषणा- शतक
18. गुरु-छत्रीसी
19. गौतम स्वामीलघुरास
24.
25.
26.
27.
28.
29.
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चरित्रमनोरथमाला
चित्रकूट - चैत्य परिपाटी-स्तवन
'चोत्रीस - अतिशयगर्भित-स्तवन
(जिन) स्थापनाद्विपञ्चाशिका
दूहा- शतक
निश्चय - व्यवहार - स्तवन
नियतानियत - व्यवहार-स्तवन
30.
31.
32.
13.
कल्याणकस्तवन
33.
14. काउस्सग्ग (कायोत्सर्ग ) ना १९ दोष 34
15. केशि-प्रदेशि-बन्ध
35.
विधिविचार
16. खन्धकचरित्र - सज्झाय V. S. 1600 36.
विधि-शतक
17. गीतार्थपदावबोधकुल (क्र)
37.
विवेक-शतक
38. वीतरागस्तवन
39. वीरलघुस्तव
403
पाक्षिक - छत्रीसी
पार्श्वनाथस्तवन, चोवीलदण्डकगर्भित
ब्रह्मचर्य - दश-समाधि-स्थान- कुल ( क )
भाषा - छत्रीशी
महावीर स्वामी- स्तवन, आज्ञागर्भित '
मुहपत्ती ( मुखवस्त्रिका ) - छत्रीसी
वन्दन-दोष बत्रीस - कुलक
वस्तुपाल - तेजपाल रास V. S. 1597
1 Are आदीश्वरविनति and नाभेयजिनविज्ञप्तिका same as this ?
2 This is not same as सङ्क्षेपआराधना !
3 Is this the same work as No. 9 ? If so, the 9th work should be dropped.
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10
15
20
4
Is this the work of this very Parsvacandra?
6 Is this work same as चोत्रीसअतिशयगर्भित महावीरस्तवन included in the work noted fn, 2 of p. 405.
30
6. This work is included in 'श्रीप्रश्नोत्तरप्रकाश published by ' श्री पार्श्व चन्द्रसूरिज्ञानमंदिर ' ( Chembur, Bombay 71 ) in A. D. 1968.
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