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Jaina Literature and Philosophy
[147.
v. S. 1749
(20) शत्रुअयमाहात्म्य-रास
v. S. 1755 (21) शीलवती-रास
V. S. 1758 (23) शुकराज-रास
V. S. 1737 (23) श्रीपाल राजानो रास
V.S. 1740 (24) ,-रास ( संक्षिप्त )
V. S. 1742 (25) सत्यविजयनिर्वाण-रास
V. S. 1756 (26) सुदर्शनशेठ-रास (27) हरिश्चन्द्र-रास
v. S. 1744 (28) हरिवललाछी-रास
V. S. 1746 (b) चोपइचतुष्पदी [3] (1) चन्दन मलयागिरि-चोपइ
V. S. 1704 (2) (2) मङ्गलकलश-चोपइ
v. S. 1714 (3) विद्याविलासनृप-चोपह
V. S. ITIH (c) सज्झाय ( स्वाध्याय ) [3] (1) अवन्ति सुकुमाल-स्वाध्याय
V. S. 1741 (2) ज्ञातासूत्र-स्वाध्याय
V.S. 1736 (3) नर्मदासुन्दरी-स्वाध्याय
V.S. 1761 (4) बयरस्वामी-ढालबन्ध-सज्झाय
V. S. 1759 (5) स्थलभद्र-स्वाध्याय
V. S. 1759 (d) स्तवन [3] (1) 'वाडी' पार्श्वनाथ--बृहत्-स्तवन (2) बीस विहरमान(ण) स्तवन
V. S. 1761 (3) समकित-सित्तरि-स्तवन
V. S. 1736 (e) प्रकीर्णक [१] (1) ऋषिवत्रीसी (2) चोबोली कथा-कवित्त दहा जसराज-बावनी
V. S. 1738 (4) जिनप्रतिमादृढकरण-हुण्डी
V. S. 1725 (5) पार्श्वनाथ-घघर निसाणी (6) महावीर-छन्द (7) मेघकुमार-चोढालीउ (8) सीतामुद्रडी (9) सीयल-नव-वाड'
V. S. 1729 Subject. - A Gujarāti poem depicting the life of King Kumārapāla.
1 For some more. works J. C. K. ( Vol. III, pt. 2 ),
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