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Errata
279
Line
Page 1023
I02
107
I2I
14
139 143
TA
Incorrect
Correct 1258.
1258. This is followed by इति चैत्यवंदनभाष्यसूत्र
समाप्त। विनाया
०(२)वि)(चि)ताया समाप्त
समाप्त । ग्र.६२५ completc;
complete ; the latter composed in Samvat
1758. samvat
Samvat दुगिवी
दुगि बी 77*
II fol. I
fol. II complete
end abruptly fol. IO
fol. 9° वंदनकसूत्रे भवति ... इत्यादि गणिते मालनाया(मा)नि. ९. तप्रघ fol. I0 बदनागे रूपद्वारमाह वंदणं०
वंदनक १ चितिकर्म २ 14... समाप्त II किइकम(म्मोनिज्जरद्धा(दा)
[रट्रा] कायवयि(मि)मेसि
प(पं)व(च)ण्हं ॥१३॥ [मायपिय जिह भाया उ निज्जे
रट्टा कयवमिमेसि पवण्ह १३].
माया(य) पिअ जिट भाया (अ) उमाणि तहेव सव(ब)
रायणिए fol. 140 ... ग्र. ६२५ fol. II एक वा जानु ...
बंदनवे भजते वामा न जन वामे करिष्यं नो तितो तो किमुत्त
भवः (१) गच्छ गयण दिणयर गच्छ गयण दिणयर गुलिपी
गुर्वावली mentioned
modern भवनभिति
•भवनमिति
18
,
19-21
144
___26
Is 28 2
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