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________________ 264 Jaina Literature and Philosophy [ 888 भरहेसरबाइबलिवृत्तीः सुभसीलविबुद्धचित्तेयं शोध्या सुद्धिमद्भिः विबुधैः कृतदापसरीण(? कूटापसारणतः) ७ अनाभौ(भो)गादिना किंचिद्यदेवोत्सुत्ररोपणं चक्रे तदस्ति मे मीथ्या तमो(5)ईदादिसाक्षीकं ८ इति श्रीमत् तपागच्छाधिराजश्रीमुनिसुंदरसुरीशीष्यपंडितशुभशीलगणीविरचिते भरहेसरबाहूबलिविवृत्ती नानी कथाकोसे द्वितीयो महासत्यधिकारो समाप्तः ॥ यादृशं पुस्तकं etc. भग्नपृष्टी etc. जला रक्षे etc. This is followed by eier as under:ज्यहां लगे 'मेरू' अडग हे ज्यहां लगे शशी हरसूर त्यहां लगे आ पोथि सदा सदा रहे जो गुणभरपूर १ अतित भेख जणमें बसे वचे दिजे जीजीकार हम तुम जेसी प्रीतडी सो जानत हे किरतार २ इति श्री संपूर्ण श्लोकसंख्या २५२६५ ते टबार्थ मली सुधां संवत् १९०५ ना वर्षे मागसीरमासे शुक्लपक्षे तीथौ १३ भृगुवासरे लपीतंग भट्टारकश्रीश्री१००८ विजयसुरेन्द्रसुरीश्वरजी तत्पट्टे भट्टारकश्रीश्रीविजयधनेश्वर सूरीश्वरजी चेला गुलाबचंदवाचनार्थे शुभं भूयात् श्री श्री etc. Ends.- (tabba) fol. 815 सुरीप्रधान लक्ष्मीसागरसूरीना इस सोमदेव नामें सूरी विजयवंता हवा विद्याइं सावधान श्रीमत श्रीमूनीना ईस श्रीमुनीसुंदरसूरीराजना सिष्य पंडीत सुभसील इति नाममुष्य ताइए कथा प्रतें विस्तारता हवा संवत् १५०८ ना वर ग्रंथनी रचना थई राज थकि ६ भरेसरबाहूबलीनी टीका सुभसील पंहितें ए रची भली बुद्धिइं ए टीका करी ऽजाणतां थकां इहां कांई ऽधीकुं उर्ले काने मात्र लषाणु होई ते मिच्छा मी डूकडं भरहे. सरबाहूबलीनी वृत्ती टवार्थ संपूर्ण ए केणे भरेंसरवृति करी श्रीमुनीसुंदरसूरीना सीष्य पंडीत शुभसील पंडीते रचि छे श्री श्री श्री संवत् १९०५ ना वर मागसीरमासे शुक्लपक्षे एकादसी सौम्यवासरे 'मुंबाईनगरें ए ग्रंथ लख्यो छे. Reference.- The text is published in several editions of Prati kamanasātras. In Sukhlal's edition of Pancapratikramana, he has given in short, paricaya of all the saints (53+47) and in several places, he has mentioned the sources, too. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018039
Book TitleDescriptive Catalogue of Govt Collections of Manuscripts Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal R Kapadia
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1940
Total Pages568
LanguageEnglish, Sanskrit
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size19 MB
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