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Jaina Literature and philosophy
[7II.
, 74*,, 760
(1) नवतत्त्वविचासारोद्धार (?)
वृत्तिसहित leaves 426 ( 2 ) परिग्रहण( ? परि )माण , 56",, 58b (3) महावीरकलश ,, 58 ,, 6r: (4) परिग्रहप्रमाण (श्रीसिद्धार्थ०),, 61* ,, 66" (5) जन्माभिषेक
, 66° ,, 68b (6) गुरुस्तुति
,, 68,, 700 (7) यतिस्तुति
,, 70° ,, 7I (8) पौषधविधि
,, 71° ,, 73b! (9) मन्ह जिणाणं सज्झाय (स्वाध्याय),, 73 ,, 74 ( 10 ) प्रश्नोत्तररत्नमालिका (II) धर्मलक्षण
,, 77* ,, 78 (12) चतुःशरण
" 78°,, 79b (13) अष्टादशपापस्थान ,, 79,, 80b (14) साकारप्रत्याख्यान , 80° ,, 8 (IS) जिनभवनादि
,, 8,, 82(16) राजप्रश्नीयसूत्रावतरण __, 82° ,, 83 (17) योगशास्त्र
,, 83°,, I220 (18) वीतरागस्तोत्र ,, 122' ,, 139 (19) भक्तामरस्तोत्र (4+ verses) ,, I39° ,, 145 (20) प्रशमरमपद्य leaf. 1456 ( 21 ) भयहर(नमिऊण)स्तोत्र (23 verses)
leaves 1456,, 1484 ( 22 ) वर्धमानस्तव
148. ,, ISO( 23 ) त्रिषष्टिध्यानकथानककुलक ,, I50" ,, IS4 (24) भयहरस्तोत्र ( I4 verses) ,, I54" ,, 1560 ( 25 ) चतुर्विंशबुद्धातिशयस्तोत्र ,, I56 ,, I58a (26) अजितशान्तिस्तव
(40 verses) ,1582 ,, 164 ( 27 ) क्षेत्रसमास
,, 164° ,, I74 (28) एकविंशतिस्थानक
(चषणविमाणा) , 174* ,, 181 (?)
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