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Jaina Literature and Philosophy
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(133) आचार्यपद त्रिंशद्गुण (134) वीरपद्मनाभोत्तरमान (135) जिनप्रमाद कालपङ्क्ि (136) एकादशरुद्र
अष्टादशविधरसवती
( 137 ) (138) अष्टादशप्रसूति (139) वीरदृष्टदश स्वप्नार्थ (140) गौतमवर्णनादण्डक Vol. XVII, pt. 4, No. 1429
दस्वरूप
( 142 ) द्वाविंशतिपरीषह (143) तीर्थव्यवच्छेदाव्यवच्छेदर (144 ) सुपार्श्व पार्श्व फणसङ्ख्या स्वरूप (145) समयादिकाल (146) पुद्गलपरावर्त (147) वनस्पतिविचार
(148) सप्रपञ्च पृथ्वीकायादिविचार
(141) भगवती सूत्र Vol. XVII, pt. 4, No. 126
[ 15.
lcaves 195b-196
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? -199
leaf 1992-199b
leaves 199b-200
(155) नष्टग्लानबद्धनक्षत्रफल ( नक्षत्रगण्डिका ) (156) आराधनविधि (157) महापरिस्थापनिकाविधि
(158) राजावली वक्तव्यता
( 159 ) (160)
( 161 ) त्रयोविंशत्युदययुगप्रधान सूरिसङ्ख्या (162) समग्रग्रन्थप्रमाण
तीर्थकर नामकर्मबन्धकनाम
सुविहितकुलक
Total extent 4200 slokas.
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leaf 2002-200
15
( 149 ) सम्मूच्छिम मनुष्योत्पत्तिस्थान Vol. XVII, pt. 4,
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leaves 201 - 2020
202b-204a
33
leaf 2042-204b
204b
33
leaves 204b-205b
205b-2060
207-2084
208a-212b
"
(150) शय्यातरविचार Vol. XVII, pt. 4, No. 1443
"
No. : 446 leaf 212
(151) राजपिण्डविचार (152) वसतिविचार
..
(153) उपकरणविचार Vol. XVIII, pt. 1, No. 188
lcaves 213-215b
215b-216a
2'6"-218a
(151) प्रायश्चित्तविचार Vol. XVII, pt. 4, No. 1450
"
leaves 2: 82-2258
leaves 225b-232b
232-233a
"
233°-236a
2362-238b
22
238b-240a leaf 240b
leaves 241a-2435
?
leaves 2472-2494
39
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