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ग.
देना. पठ. प+ग
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आदि. आदिवाक्य (कृति माहिती) उपा. उपाध्याय (विद्वान स्वरूप) गच्छा . गच्छाधिपति ( विद्वान स्वरूप)
गणि (विद्वान स्वरूप) गा. गाथा (परिमाण) गुज. गुजराती (भाषा)
ग्रंथाग्र (परिमाण) जैदेना.
जैन देवनागरी (लिपी) देवनागरी (लिपी) पठनार्थ (प्रतिलेखन पुष्पिका) पद्य व गद्य (कृति प्रकार) पंन्यास, पंडित (विद्वान स्वरूप)
वर्ष के पूर्व में हो तो संवत से उतने वर्ष पूर्व का सूचक. यथा- विपू. ७वी. = विक्रम पूर्व सातवीं सदी. पू.वि.
पूर्णता विशेष पृष्ठ (प्रत माहिती स्तर पर व पेटा कृति स्तर पर) पेटांक, पेटाकृति अनुक्रम प्रत माहिती स्तर में प्रतगत कुल पेटा कृति,
कृति माहिती स्तर में पेटा कृति क्रमांक पे.नाम पेटाकृति नाम पे.वि. पेटांक विशेष, पेटाकृति विशेष प्र.वि. प्रति विशेष प्र.ले.श्लो. प्रत के अंत में मिलने वाले प्रतिलेखन श्लोक (जलात् रक्षेत्... इत्यादि) प्र.ले.पु. प्रतिलेखन पुष्पिका
प्राकृत (भाषा) मुनि (विद्वान स्वरूप)
मारुगुर्जर (भाषा) राज. राजस्थानी (भाषा) लिखवा.
लिखवाने वाला (प्रतिलेखन पुष्पिका) ले. प्रतिलेखक, लहिया, Scribe (प्रतिलेखन पुष्पिका) ले.स्थल लेखन स्थल (प्रतिलेखन पुष्पिका)
वर्ष संख्या के पूर्व होने पर वीर संवत, वर्ष संख्या पश्चात होने पर 'वीं सदी' यथा वी ८वीं सदी विक्रम संवत
शक संवत सर्वग्रं. सर्व ग्रंथाग्र (प्रत व पेटांक विशेष में)
संस्कृत (भाषा) श्रावक (विद्वान स्वरूप) साध्वीजी (विद्वान स्वरूप)
प्रा.
मा.गु.
वि.
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