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प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत कृति /प्रत/पेटांक नाम के बीच : का, की, के, से इत्यादि विभक्ति सूचक प्रतक्रमांक के अंत में छोटे अक्षरों में - दुर्वाच्य अवाच्य अशुद्ध पाठ - सूचक प्रतक्रमांक के अंत में छोटे अक्षरों में - प्रत की महत्ता सूचक - कर्ता द्वारा लिखित प्रत कर्ता के शिष्य द्वारा लिखित प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा लिखित रचना के समवर्ती काल में लिखित संशोधित पाठ शुद्धप्रायः पाठ टिप्पण युक्त विशेष पाठ पाठ में सुगमता हेतु विविध प्रकार के चिह्नयुक्त प्रत यथाअन्वय दर्शक अंक युक्त पदच्छेद चिह्न संधिसूचक चिह्न वचन विभक्ति चिह्न क्रियापद सूचक चिह्न कृति नाम के बाद प्रयुक्त होने पर संयुक्त कृति की पहचान - यथा आवश्यकसूत्र सह नियुक्ति, भाष्य व तीनों की लघुवृत्ति. देखें प्रत क्रमांक - ७१५. प्रत की अवदशा, पाठ नष्ट हो जाने से उपयोगिता में कमी सूचक. इस हेतु दशा विशेष में निम्न संकेत हो सकते है. मूल पाठ का अंश नष्ट हो गया (खंडित). टीकादि का अंश नष्ट है. मूल व टीका का अंश नष्ट है. टिप्पणक का अंश नष्ट है. अक्षर फीके पड़ गये. अक्षर मिट गये. अक्षर पन्नों पर आमने-सामने छप गये हैं अक्षर की स्याही फैल गई है. जिर्णतावश नष्ट होने लगे हैं. जिर्णतावश नष्ट हो गये हैं. अर्द्धमागधी (भाषा) अपभ्रंश (भाषा) अंतिमवाक्य (कृति माहिती) आचार्य (विद्वान स्वरूप)
अ.मा. अप.
अंति.
आ.
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