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पत्र संख्या
झेरोक्ष
सी.डी
विशेष नोध विशेष नाँध
१६५५ १७५९
...........२०४ - २६६ ---
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..........२०४ - २६६ ---
............ १६४८
१५३२
|...........२०४ - २६६..
तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर ग्रंथांक ग्रंथ नाम
कता २१३ .... आवश्यकसूत्राणि व पाठ.................
अंगुलसप्ततिका + जीवाकारविचार .........चंद्रमुनि ........ पंचपरमेष्ठिनमस्कार स्तवन............... इकविंशतिस्थानक ...................... सिद्धसेन सूरि ........ सिद्धपञ्चाशिका ........................ देवेन्द्रसूरि .......... इकविंशतिस्थानक ............ -सिद्धसेन सूरि......... उपधानदीक्षानुयोगविधि ... पर्यन्ताराधना
सोमसूरि .. आराधनाप्रकरण ... पर्यन्ताराधना
सोमसूरि नवतत्त्व सह टवार्थ नवतत्त्वबोल
विनितसागर तत्त्वतरंगिणी. होलिकाव्याख्यान .......... पौषदशमीकथा ............................. रविविजय ...... उपदेशरत्नकोश सह बालावबोध ................... मीनराशी गुराधार फल ............ स्नातस्याप्रकरण सह अवधूरि ...............विवेकहर्ष ...... चौविशदंडक (पाच) स्तवन..... पार्चचंद्र सूरि सूत्रकथांगसूत्र सह टब्बार्थ ..... बारह भावना
सोमसूरिगणि गोडीपार्श्वनाथस्तवन ................. प्रीतविमलप्रभ अष्टापदस्तवन झांझरियामुनिसज्झाय.
शांतिकुशल रोहिणीतपस्तयन
श्रीसारमुनि वरकाणापार्श्वनाथस्तवन ................ जिनराज ज्ञानकुशल
सोलहस्वप्नसमाय...... २४०...... हितोपदेशसित्तरी .......................... जिनचंद्र .......
.............धनसागरजी
...........२०४ - २६६
... १७८९ ... १९०८ .. १६५९ -
૧૮દ્ર
१७६१ १७००
१७०१ १८४४
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