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विशेष नोंध
सपनाध
91900
..स्थीए पाना नथी
१८४४
१८०२
डूंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम
कर्ता
संवतपत्र संख्या। झेरोक्ष सी.डी.नं. १......नमिउणभयहरस्तोत्रवृत्ति ... .पं. गुणसुंदर ....
....८4
.......... ......३३१. २ ...... गुर्वावली पत्र......
.जिनहर्षसूरि
....१८५६ .२७....२+६+ १०/१ ....... ३३१ ३ .....
कल्पसूत्र सह व्याख्या अपूर्ण ................ कल्पसूत्र अपूर्ण.. कल्पसूत्र पांच, व्याख्यान ............. 1.जिनहर्घसूरि . पर्युषण अष्टालिका व्याख्यान ............... समुद्रविजय ....
..१९३०
१४...२+६+१०/१.......३३१ पर्युषणाकल्प (कल्पसूत्र) .................. .समयहंसमुनि
१७५९ वीशस्थानकतपोविधि....
श्रायकना बारह व्रतना अतिचार ...... १०/१ . श्रावक आराधना ............... समयसुंदर ......
--.२+६+१०/१........३३१ १०/२.वीशस्थानकभाषा विधि ...................... ज्ञानसागरसूरि .......... ११..... चातुर्मासिक व्याख्यान ...................... .क्षमाकल्याण............
...........११.......३३१ १२....-ऋषिमंडल प्रकरण
ऋषिमंडल प्रकरण .......................... उदयवल्लभ ................
कालिकाचार्य बालावबोध .....................समयसुंदर ................ ..१८५३ १४..... चातुर्मासिक व्याख्यान..................
..................... गांगा तैली कथा ................... १६ ..... उपदेशसप्तति ...............................सोमधर्मगणि.. १७/१ . प्रकीर्णकपोथी संकलन कल्याणमंदिर भक्तामर १७/२/प्रकीर्णकपोथी संकलन-पाक्षिकसूत्र-सिंदूरपकर १७/३ -प्रकीर्णपोथी संकलन जयतिहुअगसूत्र+कर्मग्रंथ
..प्रकीर्णपोथी संकलन क्षेत्रसमास+स्नात्रविधि. १७/५ -प्रकीर्णपोथी संकलन ऋषिमंडलस्तोत्र......
अभिधानचिंतामणी .......................... हेमचंद्रसूरि.. १९.... प्रथमसे तृतीय कर्मग्रंथ सह टब्बार्थ ....... देवेन्द्रसूरि २०.... भक्तामरस्तोत्र ..........
-मानतुंगसूरि चतुर्थ कर्मग्रंथ .........
देवेन्द्रसूरि २२.... थंभनपार्श्ववृद्धि स्तव ...
कुशललाभसूरि २३.... उत्तराध्ययनसूत्र...
१३ .....
.१८१६
१५ .....
१७/४
२१....
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