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जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग मेरोक्षसी .डी. प्रधान । विशेष नोंध
संवत
पत्र संख्या
र.१७४८-ले.१७८४
मध्यम ...
१४२ | ग्रंथांक - ग्रंथनु नाम स्थिति कर्ता
भाषा १९१७ ..... पष्टिशतप्रकरण
मध्यम ... नेमिचंद भंडारी ...... १९१८ ..... सौदर्यलहरी.
मध्यम ... शंकराचार्य ..... मृगांकलेखाचरित्रचोपाई जीर्ण ... जिनहर्ष .......
गू. सुभाषितसंग्रह .......
मध्यम ...... मेघदूतमहाकाव्य......
मध्यम .. कवि कालिदास ..... सूक्तावली अपूर्ण ............... सुभाषित
जीर्ण... सुभाषितप्रास्ताविकश्लोक ........ जीर्ण. अतिचारनी आठगाथा सटीक त्रिपाठ -- श्रेष्ठ... रसरत्नाकरवैद्यक......
मध्यम.. रूपमंजरी
श्रेष्ठ.... रूपचंद्र ....... वैद्यजीवनटिप्पणीसह ............... श्रेष्ठ....लोलिवराज ..........
धनंजयनाममाला............... जीर्ण...धनंजय ................ गणितनाममालाजयोतिष ......
धनंजय ................ ....... भट्टिकाव्य................... जीर्ण ... भट्टिकवि ............. १९३२ ...... भर्तृहरित्रिशती........................... मध्यम .. भर्तृहरि ............. १९३३ ....... कालिकाचार्यकथानक गय ..... मध्यम ....... १९३४ .....-कालिकाचार्यकथानक अपूर्ण ..... श्रेष्ठ... १९३५......दिव्यतत्त्व..........
रघुनंदन भट्टाचार्य .... १९३६ ....... ग्रहलाघवज्योतिष ................ मध्यम..
नारचंद्रज्योतिष ................ मध्यम ... नरचंद्राचार्य. ज्योतिषसारणी ............... श्रेष्ठ, व्याकरण ................ किरातार्जुनीयमहाकाव्य ....
..भारवि..... रघुवंशमहाकाव्य अपूर्ण,
कालिदास.... -प्रक्रियाकौमुदी अपूर्ण....
रामचंद्राचार्य ....... सुभाषितश्लोकसंग्रह ..... १९४४ ......अलंकारमाला ........
श्रेष्ठ....सुरतमिश्र
१९२९ - २८८
१९३१ ३.२८८
१८७८
५५.४५
मध्यम
- प्रथम पत्र नथी.
मध्यम
- पत्र ८ मुं नथी.
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