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जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग मेरोक्ष सी.डी ग्रंधान
विशेष नोंच
स्थिति
।
पत्र संख्या
२०
१५०० ....
! पाणीमा भीजाएली छे.
१२४ ग्रंथांक पंधन नाम
कर्ता
संवत १५०६ .....कर्मग्रंथघटक ........................... १५०६/१... कर्मग्रंथ १ थी ४ ................................... देवेन्द्रसूरि १५०६/२.....सत्तरिनामा षष्ठकर्मग्रंथ ..............
कर्मग्रंथ प्रथम द्वितीय तृतीय ........... जीर्ण .... देवेन्द्रसूरि १५०८ ... कर्मग्रंथ प्रथम द्वितीय तृतीय सस्तबक जीर्ण .... देवेन्द्रसूरि -मू...
कर्मविपाककर्मग्रंथ................... श्रेष्ठ ..... देवेन्द्रसूरि .... कर्मविपाककर्मग्रंथवालावबोध .......... जीर्ण .... द्वितीयतृतीयकर्मग्रंथ.
श्रेष्ठ .... देवेन्द्रसूरि सप्ततिका षष्ठकर्मग्रंथ
श्रेष्ठ..... सप्ततिका षष्ठकर्मग्रंथ सटीक, श्रेष्ठ ..... मलयगिरि -टी.... कर्मग्रंथपञ्चक
मध्यम ... देवेन्द्रसूरि कर्मप्रकृतिप्रकरण........
मध्यम ... शिवशर्मसूरि .... कर्मप्रकृतिवृत्ति.
अतिजीणं मलयगिरि -........... १५१७ ....... कर्मप्रकृतिप्रकरण वृत्तिसह करण वृत्तिसह .............
शिवशर्मसूरि मू.. .......प्रा.सं
मलयगिरि वृ. १५१८ ...... सार्धशतकप्रकरण ..............(सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण) सटीक ... श्रेष्ठ .... जिनवल्लभगणि -मू......प्रा.सं. १५१९ ....... लोकनालिकाद्वात्रिंशिका ............... श्रेष्ठ .... १५२० .......लोकनालिकाद्वात्रिंशिका प्रकरण
बालावबोधसह पंचपाठ ................ श्रेष्ठ ... १५२१ ......क्षुल्लकभवावलिप्रकरण सावचूरिक । पंचपाठ
श्रेष्ठ.. १५२२ .... प्रज्ञापनातृतीयपदसंग्रहणीप्रकरण ...... श्रेष्ठ .... अभयदेवसूरि .......... १५२३ प्रज्ञापनातृतीयपदसंग्रहणीप्रकरण ...... मध्यम.. अभयदेवसूरि ............
प्रज्ञापनातृतीयपदसंग्रहणीप्रकरणअवचूरि श्रेष्ठ ..... कुलमंडनगणि -अब....... सं. १५२५ प्रज्ञापनातृतीयसंग्रहणीप्रकरण .......
अभयदेवसूरि -मू.. सावरि त्रिपाठ ...................... श्रेष्ठ .... कुलमंडनगणि अव......प्रा.सं............
१५१६ .....
... १२२
१५१६ ...२८३ ....१५१७ ...२८३.....
.गा.३२
१५२४
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