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________________ व्यवस्था, श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्सना कार्यकरोनी विनंतिथी जे जे श्री संघ तथा महानुभावोए की तेमनी नामावली आप्रमाणे छे-रु.१००००) श्री गोडोजी जैन श्री संघ-मुंबई, रु. २०००) कोट श्री संघ-मुंबई, रु. २०००) श्री संघ-पूना, रु. २०००) श्री संघ-कलकत्ता, रु. २५००) शेठ हेमचंदभाई-भूपेन्द्रबधर्स-मुंबई, रु. ७५१) जानीसेरी श्रीसंघ-वडोदरा; रु. ७५१) श्री आत्मारामजी जैन ज्ञानमंदिर-वडोदरा, रु.५००) जसकोर बहेन झवेरी ह. हसमुखबहेन झवेरी-वडोदरा, रु. ४०१) शा. छगनलाल लक्ष्मीचंद-बडु. ___ उपर जणावेला बधाय सहायको करतां पण अति उपयोगी सहाय करनार तो जेसलमेर श्रीसंघना व्यवस्थापको अने श्रीसंघना आगेवान सुश्रावको छे. तमनां नाम आ प्रमाणे छे-१. श्रेष्ठी श्री रतनलालजी महेताना पुत्र श्रेष्ठी श्री रामसिंहजी; २. श्रेष्ठी श्री फत्तेसिंहजी महेता ( श्रेष्ठी श्री राजमलजी महेताना सुपुत्र ); ३. श्रेष्ठी श्री आयदानजी बाफणा अने ४ श्रेष्ठी श्री केसरीमलजी जिंदाणीना सुपुत्र श्रेष्ठी श्री प्यारेलालजी. ज्ञानभक्तिथी शोभायमान मा चार श्रेष्ठीमओए व्यवस्थादि माटे समस्त ज्ञानभण्डार सोप्यो जेथी ज्ञानभण्डारनी व्यवस्था आदिमां सुविधा थई. ___मही पंदर महिनाथी कंइक बधारे समय रहीने जीर्णोद्धारादि सर्व कार्य पूर्ण क्युं छे. श्री संघ भट्टारकनुं कल्याण हो. मा प्रशस्ति चीमनलाले लखी अने मेडती सलाट ईस्माईले शिला उपर उत्कीर्ण करी. वीरसंवत् २४७७. शुभ थामओ. तपागच्छाधीश श्री विजयानन्दस्पिट्टप्रभाकर श्री विजयवल्लभसूरिना धर्मसाम्राज्यमा भने स्वतंत्रभारतमहासाम्राज्यगणतंत्रनी छायामां रहेला महारावलजी श्री रघुनाथसिंहजी साहेब बहादुरना विजय राज्यमां. प्रस्तुत ज्ञानभंडारोना, संपूर्ण सुरक्षा आदि कार्यनी समाप्ति पछी अनुक्रमे ई. स. १९५४ अने १९५५मा भारतगणतंत्रना प्रथम वडा प्रधान अने प्रथम राष्ट्रपति पं. जवाहरलालजी नेहरु अने डॉ. श्री राजेन्द्रप्रसादजी जेसलमेर गयेला. मा बन्ने विभूतिओए ज्ञानभंडारने जोइने जे अभिप्राय आप्यो छे ते तेमना पोताना हस्ताक्षरोमांज ग्रन्थना प्रारंभमां मुद्रित कये! छे. गत ता. ६-११-१९७१ना रोज श्रीसंघ-जेसलमेरना अग्रणी शेठिया अमदावाद आवेला, तेमणे जणाव्यु छ के तपागच्छीय ज्ञानभंडार, थाहरू शाहनो ज्ञानभंडार भने डूंगरजी यतिनो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
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