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कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-८ साधुश्रावकसामाचारी (सामाचारी)
प्रा.,सं., ग्रं.२०००, आदि वाक्यः नमिऊण तिलोयगुरुं लोयालोयप्पयासयं वीरं... पाताहेसं १०६, पृ. ९८, साधु-श्रावक सामाचारी, संपूर्ण
डीवीडी-७/१६ साधुषडावश्यकसूत्र (षडावश्यकसूत्र)
प्रा.,सं., पाकाहेम ६९३५, पृ. १४, साधुषडावश्यकसूत्र, वि-१७७७, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१४ पाकाहेम ७४७५, पृ. ७, साधुषडावश्यकसूत्र, वि-१७मी, संपूर्ण साधुसाध्वीयोग्यनियमकुलक जुओ - साधुसामाचारीकुलक, आचार्य-सोमसुन्दरसूरि, प्राकृत, गा.४६ साधुसामाचारीकुलक (साधुसाध्वीयोग्यनियमकुलक)
आचार्य-सोमसुन्दरसूरितिपागच्छ], प्रा., पद्य, गा.४६, पाकाहेम १०२५२, पृ. २, साधुसामाचारीकुलक, वि-१७मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ पाकाहेम ११०५३, पृ. ३, साधुसाध्वीयोग्यनियमकुलक, वि-१५९६, संपूर्ण साधुसामाचारीकुलक
प्रा.,मारुगूर्जर, पद्य,
पाकाहेम ११०८२- पे.क्र.४, पृ. १, जीवदयाकुलक आदि, वि-१६मी, संपूर्ण साध्वीलोचविधि (लोचविधि)
प्रा., आदि वाक्यः अहसा भमरसन्निभे... भांता ७०- पे.क्र. ६५, पृ. ८२A-८२B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण
पे. विशेष- सूचीपत्रांक-२-१५८. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ सामाचारी जुओ - श्रावकसामाचारी, गणि-जिनचन्द्र गणि, प्राकृत सामाचारी जुओ - श्रावकसामाचारीप्रकरण, आचार्य-तिलकसूरि, प्राकृत, गा.३८ सामाचारी जुओ - साधुश्रावकसामाचारी, प्राकृत,संस्कृत, ग्रं.२००० सामाचारी
प्रा., आदि वाक्यः आयारविहीनिलओ... पातासंघवीजीर्ण ४०, पृ. ८९, सामाचारी, संपूर्ण प्रत विशेष- चोंटेली.
डीवीडी-५७/५९ पाकाहेम ११७२९, पृ. १, सामाचारी, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३ सामाचारी
कृ.विः उपधान, मालारोपण, योगविधि आदि. पाताहेसं १७१-२, पृ. १७, सामाचारी अपूर्ण, अपूर्ण
डीवीडी-९/१८ वताकांति ४१५, पृ. ३६, सामाचारी....., संपूर्ण
डीवीडी-९७/९८ सामाचारी
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