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कुल झे. पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८
प्रा. पथ, गा.९, आदि वाक्यः अमरासुरवरवन्दिय पाय.....
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पाताहेसं १६८- पे.क्र. १२, पृ. २३अ - २४अ दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. विशेष संपूर्ण झेरोक्ष पत्र-२९-३०.
आदिजिन स्तुति
प्रत विशेष - प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है..
कुल झे. पृष्ठ - ७२, डीवीडी-९/१८
आदिजिन स्तुति
प्रा., पद्य, गा.७, आदि वाक्यः विणीय भूमीए सिरिनाभि तिवा गहिणी....
पाताहेसं १६८- पे.क्र. ५९, पृ. १४३-१४४ - दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र - ६७-६८. ताडपत्रीय पत्रांक १४५ नहीं है. गाथा - ९ तक है.
प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.
कुल झे. पृष्ठ - ७२, डीवीडी-९/१८
आदिजिनस्तव जुओ नाभेयस्तव क्रियागुप्त यमकादिमय# अज्ञात नयप्रभ संस्कृत श्लोक १३ आदिजिनस्तवन
कृति उपरथी प्रत माहिती
आचार्य अभयदेवसुरि, अप, पच
पाकाहेम १४९७१- पे. क्र. ३. पृ. ८ प्रश्नोत्तररत्नमालाप्रकरणवृत्ति सह आदि वि-१५मी संपूर्ण आदिजिनस्तवन जुओ युगादिजिनस्तवन कुल्पपाकमण्डन, आचार्य-भुवनसुन्दरसूरि संस्कृत
आदिजिनस्तवन खाद्यपदार्थनामगर्मित राणकपुरमण्डन (राणकपुरमण्डन खाद्यपदार्थनामगर्मित आदिजिनस्तवन), (खाद्यपदार्थनामगर्भित राणकपुरमण्डन आदिजिनस्तवन ) ( खाद्यपदार्थनामगर्मित आदिजिनस्तवन राणकपुरमण्डन ) मुनि-जिनसागर, सं., पद्य, श्लोक ११, आदि वाक्यः श्रीसङ्घे बरसाकर....
पाकाहेम १२३०७, पृ. १, खाद्यपदार्थनामगर्मित राणकपुरमण्डनआदिजिनस्तवन, वि-१७मी, संपूर्ण
कुल झे. पृष्ठ-२
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आदिजिनस्तवन पेथडकारितप्रासादसम्बद्ध जुओ - युगादिजिनस्तवन पेथडकारितप्रासादसम्बद्ध#, आचार्य-सोमतिलकसूरि, संस्कृत, का.३२
आदिजिनस्तवन प्रातिहार्याष्टकमय महिसाणापुरमण्डन जुओ महिसाणापुरमण्डन आदिजिनस्तवन प्रातिहार्याष्टकमय संस्कृत, श्लोक १०
आदिजिनस्तवन-इलदुर्गमण्डन जुओ युगादिजिनस्तवन इलदुर्गमण्डन, आचार्य - मुनिसुन्दरसूरि, संस्कृत, का. २४ आदिजिनस्तुति जुओ शत्रुञ्जयमण्डन युगादिदेवस्तोत्र, आचार्य सोमसुन्दरसूरि संस्कृत श्लोक १६ आदिजिनस्तुति अर्बुदाचलमण्डन (अर्बुदाचलमण्डन आदिजिनस्तुति)
प्रा. पद्य, का. ४, आदि वाक्य: वरमुत्तियहार....
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पाकाहेम १२३६२- पे.क्र. २, पृ. १, यमकमयपार्श्वनाथस्तव आदि वि-१८मी, संपूर्ण आदिजिनस्तुति- शत्रुञ्जयमण्डन (शत्रुञ्जयमण्डन आदिजिनस्तुति)
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सं., पद्य, श्लोक४, आदि वाक्यः शैले शत्रुञ्जयाख्ये भवजलधि.....
पाकाहेम १२१३३- पे. क्र. १ पृ. १ आदिजिनस्तुत्यादिसङ्ग्रह, वि-१६मी संपूर्ण
पे. नाम - शत्रुंजय आदिस्तुतिसङ्ग्रह
प्रत विशेष जीर्णप्राय
कुल हो. पृष्ठ- २
आदिजिनस्तोत्र जुओं नाभेयजिनस्तोत्र, गणि- जिनवल्लभ, प्राकृत, गा. २०
आदिजिनस्तोत्र जुओ नामेयस्तोत्र, प्राकृत, गा. २८
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आदिजिनस्तोत्र जुओ- युगादिजिनस्तोत्र, संस्कृत, श्लोक
आदिनाथ जन्माभिषेक
मारुगूर्जर, पद्य, गा. ११, आदि वाक्य : (१) वीणीयनयरि वीणीयनयरि... (२) विणीय नयरि विणीय नयरी.....
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