________________
कृति उपरथी प्रत माहिती गणि-साधुसोमगणि, सं., गद्य, पाकाहेम २०५४- पे.क्र. २, पृ. ११-१३, आदिनाथचरित्रादि सटीक, वि-१७मी, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-३३.
कुल झे.पृष्ठ-२२ शान्तिनाथचरित्र
सं.,
भांता ६१, पृ. ३००, शान्तिनाथचरित्र, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.४-६१.
डीवीडी-७२/८१ शान्तिनाथचरित्र
आचार्य-जयसिंहसूरि, सं., पद्य, पातासंघवीजीर्ण ८८- पे.क्र.५, पृ.?, उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक
पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र १३-१६ पर है. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे.
कुल झे.पृष्ठ-९०, डीवीडी-५८/६० शान्तिनाथचरित्र (गद्यपद्यबद्ध)
आचार्य-देवचन्द्रसूरि, प्रा., पद्य, रचना सं. विक्रम ११६०, श्लोक१२१००, पाताहेसं ४२, पृ. ३१३, शान्तिनाथचरित्र, संपूर्ण
डीवीडी-५/१४ पाकाहेम १६६७, पृ. ३३०, शान्तिनाथचरित्र गद्यपद्यबन्ध, वि-१७मी, संपूर्ण
प्रत विशेष- पत्र ७ मुं नथी अने २४५ मुं डबल छे. शान्तिनाथचरित्र महाकाव्य
आचार्य-माणिक्यचन्द्रसूरि, सं., पद्य, श्लोक५५७४, आदि वाक्यः तेपि ब्रह्मादयो यस्यानुग्रहात् ज्ञानविग्रहाः... पातासंघवी ५७-१- पे.क्र. १, पृ. १-१५८, शान्तिनाथचरित्र प्रथम, द्वितीय भाग, वि-१४७०, संपूर्ण पे. नाम- शान्तिनाथचरित्र प्रथम भाग, पे. विशेष- १५८ पेज अने द्वितीय मां १५९-३१६ सुधी छे. ३१५मुं पत्र
तुटी गयुं छे, वचमां कोईक पत्र भूसाई गयुं छे.
डीवीडी-२९/४८ पातासंघवी ५७-१- पे.क्र. २, पृ. १५९-३१६, शान्तिनाथचरित्र प्रथम, द्वितीय भाग, वि-१४७०, संपूर्ण पे. नाम- शान्तिनाथचरित्र द्वितीय भाग, पे. विशेष- ग्रन्थाग्र-५५००., ३१५मुं पत्र तुटी गयुं छे, वचमां कोईक
पत्र भूसाई गयुं छे.
डीवीडी-२९/४८ भांता ६२, पृ. १५५, शान्तिनाथचरित्र, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.४-७२२.
डीवीडी-७२/८१ पाकाहेम ८६५, पृ. १७१, शान्तिनाथचरित्र महाकाव्य, वि-१४५०, संपूर्ण प्रत विशेष- जयमंगलपाठकने आपेली प्रति. पत्र १२२ थी १७१ सुधीमां उधईए मोटुं काणुं पाड्यु छे.
कुल झे.पृष्ठ-१२४ शान्तिनाथचरित्र श्लोकबद्ध
आचार्य-मुनिदेवसूरि[बृहदगच्छीय], सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १३२२, श्लोक५०५५, आदि वाक्य:
वेश्मरत्ननिशारत्ननभोरत्नपरम्परम्।...
कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. पातासंघवी १७२-२, पृ. १६३, शान्तिनाथचरित्र (कागळमां छे), वि-१३२२, संपूर्ण प्रत विशेष- छेल्लुं पार्नु फाटवा मांडयुं छे. , ग्रन्थाग्र-४८५५. डीवीडी-३६/५४
713