________________
कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- कर्तानाम जैनाचार्य तरीके सूचीपत्रमा लख्या छे.
डीवीडी-८/१७ पाकाहेम १९५०, पृ. ३, वृत्तरत्नाकर सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ पाकाहेम १०३८४, पृ. २७, वृत्तरत्नाकर वृत्तिसहित, वि-१५२८, संपूर्ण
प्रत विशेष- वृत्तिनुं नाम सुकविहृदयानन्दिनी छे.
कुल झे.पृष्ठ-२८ पाकाहेम १०६८४, पृ. ८, वृत्तरत्नाकर, वि-१७१०, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम १०६८५, पृ. ६, वृत्तरत्नाकर, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम १०६८६- पे.क्र. २, पृ. २१-२७, सम्बन्धोद्योत आदि, वि-१६मी, संपूर्ण
पाकाहेम १३४९६, पृ. २१, वृत्तरत्नाकर सटीक, वि-१७७८, संपूर्ण वृत्तरत्नाकर-(सं.)सुकविहृदयानन्दिनी टीका (सुकविहृदयानन्दिनी टीका)
जैनश्रावक-सोलण, सं., गद्य, पाकाहेम १०३८४, पृ. २७, वृत्तरत्नाकर वृत्तिसहित, वि-१५२८, संपूर्ण प्रत विशेष- वृत्तिनुं नाम सुकविहृदयानन्दिनी छे.
कुल झे.पृष्ठ-२८ वृत्तरत्नाकर-(सं.)वृत्ति
जैनेतर-श्रीकण्ठ पण्डित, सं., गद्य, पातासंघवी ५६-३- पे.क्र. १, पृ. १-४८, वृत्तरत्नाकरवृत्ति आदि, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण.
डीवीडी-२९/४८ वृत्तरत्नाकर-(सं.)टीका
जैनेतर-त्रिविक्रम भट्ट, सं., गद्य, पाताहेसं १४८, पृ. १२७, वृत्तरत्नाकर टीकासहित, संपूर्ण प्रत विशेष- कर्तानाम जैनाचार्य तरीके सूचीपत्रमा लख्या छे.
डीवीडी-८/१७ वृत्तरत्नाकर-(सं.)टीका
जैनेतर-सोमचन्द्र, सं., गद्य,
पाकाहेम १३४९६, पृ. २१, वृत्तरत्नाकर सटीक, वि-१७७८, संपूर्ण वृत्तरत्नाकर-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम १९५०, पृ. ३, वृत्तरत्नाकर सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ वृत्तरत्नाकर-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम १९५०, पृ. ३, वृत्तरत्नाकर सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ वृत्तरत्नाकर-(सं.)टीका
जैनेतर-त्रिविक्रम भट्ट, सं., गद्य, पाताहेसं १४८, पृ. १२७, वृत्तरत्नाकर टीकासहित, संपूर्ण प्रत विशेष- कर्तानाम जैनाचार्य तरीके सूचीपत्रमा लख्या छे.
डीवीडी-८/१७
688