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कृति उपरथी प्रत माहिती वीरजिनस्तुति
सं., पद्य, आदि वाक्यः ...नौमि वीरं... पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र.६, पृ. ?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण
पे. विशेष- पूर्ण. श्लोक-१ का प्रथम पाद अपूर्ण है. झेरोक्ष पत्र-९२ पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित.
कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० वीरजिनस्तोत्र-जैत्रपुरमण्डन (जैत्रपुरमण्डन-वीरजिनस्तोत्र)
मुनि-रत्नसिंह, सं., पद्य, श्लोक८, आदि वाक्य: तुभ्यं नमः शुभ सुजैत्रपुरावतार... पाकाहेम १३१७१- पे.क्र. १, पृ. १A, वीरजिन,भारती-सरस्वति आदि स्तोत्रसङ्ग्रह, वि-१९मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-८ वीरतित्थसरूव जुओ - वीरजिनतीर्थस्वरूप, प्राकृत वीरद्वात्रिंशिका जुओ - अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका', आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, संस्कृत, का.३२ वीरसेन-कुसुमश्री कथानक पद्य-अनर्थदण्डव्रतोपरि (अनर्थदण्डव्रतोपरि वीरसेन-कुसुमश्री कथानक पद्य )
सं., पद्य, श्लोक३४७, पाकाहेम १०१७३, पृ. ६, वीरसेन-कुसुमश्रीकथानक पद्य अनर्थदण्डव्रतोपरि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-६ वीरस्तव जुओ - कायस्थितिस्तव, संस्कृत वीरस्तव जुओ - महावीरस्तोत्र, प्राकृत, गा.२१ वीरस्तवन
सं.,प्रा., पद्य, श्लोक११, आदि वाक्यः सरभसनृत्यसुरयुवति...
पाकाहेम १२३७२- पे.क्र.२, पृ. १, नेमिनाथस्तवन आदि, वि-१५मी, संपूर्ण वीरस्तवप्रकीर्णक
प्रा., पद्य, गा.४३, आदि वाक्यः नमिऊण जिणं जय जीवबन्धवं... भांका १२३- पे.क्र. १०, पृ. २३B-२४A, संस्तारकादि प्रकीर्णकसङ्ग्रह, वि-१४९१, संपूर्ण
पे. नाम- वीरथउ, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-३५८. प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-१-३१७. प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-२७, डीवीडी-८५ भांका २२७- पे.क्र. १०, पृ. ५४B-५६A, चतुःशरणप्रकीर्णक आदि, संपूर्ण
पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-३५६. प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-२६८. कुल गाथा-१२३३, श्लोक-१५६५.
डीवीडी-८८ वृक्षाष्टक
सं., पद्य, श्लोक१०, पाकाहेम १३७५- पे.क्र. १७, पृ. ५-६, अकलङ्कदेवाष्टकादि अष्टको, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ पाकाहेम ८६८८- पे.क्र. १७, पृ. १-८, अष्टकानि आदि, वि-१८मी, संपूर्ण प्रत विशेष- उंदरे करडेली छे.
कुल झे.पृष्ठ-६ वृत्तरत्नाकर
जैनेतर-केदार भट्ट, सं., पद्य,
कृ.विः छन्दोविषयक ग्रन्थ. पातासंघवी ५६-३- पे.क्र. ४, पृ. ७५-८६, वृत्तरत्नाकरवृत्ति आदि, संपूर्ण
डीवीडी-२९/४८ पाताहेसं १४८, पृ. १२७, वृत्तरत्नाकर टीकासहित, संपूर्ण
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