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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम २१०६- पे.क्र.७, पृ. ५२-६२, मनुष्यभवोपरिदसदृष्टान्तादिकथासङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-६५ रोहिणीकथानक प्रा., पद्य, गा.६०, आदि वाक्यः इह कुण्डणित्ति पवरा... भांका ९०- पे.क्र. ५, पृ. २६B-२८B, आदिनाथ देशनादि दृष्टान्तकथासङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- सामान्य पूर्वभूमिका सहित. कुल झे.पृष्ठ-२०, डीवीडी-८४ रोहिणीपर्वस्तोत्र अप., पद्य, श्लोक१८, आदि वाक्यः वासुपूज्जं थुणामो पाकाहेम १०२३- पे.क्र.८३, पृ. १३५-१३६, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१४५ रोहिणीयारास जैनकवि-ऋषभदास, मारुगूर्जर, पद्य, रचना सं. विक्रम १६४४, पाकाहेम १०१२५, पृ. २०, रोहिणियारास, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२१ लक्षणविषयक हस्तकाण्ड जुओ - हस्तकाण्ड लक्षणविषयक, मुनि-पार्श्वचन्द्र, संस्कृत, श्लोक९९ लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन (महावीरस्तवन लक्षणशास्त्रमय) आचार्य-जिनप्रभसूरि, सं., पद्य, श्लोक१७, आदि वाक्यः निस्तीर्णविस्तीर्णभवार्णवं... पाकाहेम ७४०६- पे.क्र. १, पृ. ?, लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन व्याश्रय सावचूरि आदि , वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन-(सं.)अवचूरि आचार्य-सोमतिलकसूरि[आगमिकगच्छ], सं., गद्य, पाकाहेम ७४०६- पे.क्र. १, पृ. १, लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन व्याश्रय सावचूरि आदि , वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन-(सं.)अवचूरि आचार्य-सोमतिलकसूरि[आगमिकगच्छ], सं., गद्य, पाकाहेम ७४०६- पे.क्र. १, पृ. १, लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन व्याश्रय सावचूरि आदि , वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ लक्षणसमुच्चय शिल्पशास्त्र (शिल्पशास्त्र लक्षणसमुच्चय) जैनेतर-विरोचन, सं., कृ.विः शिल्पनो ग्रंथ छे. शिवमंदिरादिनी विधि छे. पातासंघवी १३३-२, पृ. १३०, लक्षणसमुच्चय, संपूर्ण प्रत विशेष- १२मी विधिथी २७मी विधि सुधी छे पत्र ३ जानो टुकडो त्रुटक छे. डीवीडी-३४/५२ लघीयस्त्रयप्रकरण (लघीयस्त्रयीप्रकरण) आचार्य-अकलङ्कदेवसूरि (दिगम्बर), सं., आदि वाक्यः धर्मतीर्थकरेभ्योस्तु स्याद्वादवादिभ्यो नमो नमः... भांता ५४, पृ. २६०, लघीयस्त्रय सह टीका न्यायकुमुदचन्द्र, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.-२-७०. डीवीडी-७२/८१ लिंता १४, पृ. २५, लघीयस्त्रयप्रकरण सटीक, वि-१५६५, संपूर्ण लघीयस्त्रयप्रकरण-(सं.)टीका अभयचन्द्र, सं., गद्य, लिंता १४, पृ. २५, लघीयस्त्रयप्रकरण सटीक, वि-१५६५, संपूर्ण 640
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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