________________
कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-३ पाकाहेम ११०६६, पृ. १, मिथ्यात्वकुलक सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण
प्रत विशेष- गाथा-२६. मिथ्यात्वकुलक-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम ११०६६, पृ. १, मिथ्यात्वकुलक सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण
प्रत विशेष- गाथा-२६. मिथ्यात्वकुलक-(मा.गु.)बालावबोध
मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम ७७८२, पृ. २, मिथ्यात्वकुलक बालवबोधसहित पञ्चपाठ, वि-१७मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३ मिथ्यात्वकुलक
प्रा., पद्य, गा.९, आदि वाक्यः चित्तद्धिमि मह न वसी... पातासंघवी १९६-२- पे.क्र. २, पृ. २जु, उपदेशमणिमाला आदि, वि-१३८८, संपूर्ण प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
डीवीडी-३७/५५ मिथ्यात्वकुलक-(मा.गु.)बालावबोध
मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम ७७८२, पृ. २, मिथ्यात्वकुलक बालवबोधसहित पञ्चपाठ, वि-१७मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३ मिथ्यात्वकुलक-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम ११०६६. पृ. १, मिथ्यात्वकुलक सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण
प्रत विशेष- गाथा-२६. मिथ्यात्वगाथा
प्रा., पद्य, गा.६, आदि वाक्यः मित्थत्तवेय तह रागदोस सङ्कन्ति सूरससिगहणं... भांता ७०- पे.क्र. ३९, पृ. ४६A-४६B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण
पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१४२०. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ मिथ्यात्वपरिहारकुलक
प्रा., पद्य, गा.३०, आदि वाक्यः नमिउं वीरजिणिन्दं पणय सुरिन्दं विलीणभवकन्दं... पाताहेसं १६८- पे.क्र. ४१, पृ.७९आ-८१आ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. विशेष- संपूर्ण. झरोक्ष पत्र-४७-७८. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.
कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ मिथ्यात्वपरिहारकुलक (संसारताराणस्तवन)
आचार्य-सिद्धिसेनसूरि, प्रा., पद्य, गा.३०, आदि वाक्यः (१) नमिऊण महावीरं मिच्छत्ततमन्धयारदिणनाहं...(२)
निमिऊण वद्धमाणं मिच्छत्ततमधयार दिणनाहं... पातासंघवी १३०-१- पे.क्र. ११, पृ. ६६-६८, सङ्ग्रहणी आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र-३५ नथी.
कुल झे.पृष्ठ-३७, डीवीडी-३४/५२
603