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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रमाणसुन्दरप्रकरण
उपाध्याय-पद्मसुन्दर[नागपुर तपागच्छ], सं., गद्य, पाकाहेम २४४६, पृ. २१, प्रमाणसुन्दरप्रकरण, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१५ प्रमादपरिहारकुलक
प्रा., पद्य, गा.३१, पाकाहेम ४७४०- पे.क्र. ३, पृ. ३-४, साधर्मिककुलक आदि, वि-२०मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम ७७९३, पृ. २, प्रमादपरिहारकुलक, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- गाथा-३३.
कुल झे.पृष्ठ-३ प्रमेयरत्नकोष
आचार्य-चन्द्रप्रभसूरि, सं., ग्रं.१४००, पाकाहेम ६६७५, पृ. १७, प्रमेयरत्नकोष, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१७ प्रयोगसमुच्चय
सं.,
पाकाहेम ६७१७- पे.क्र. १, पृ. १-७, प्रयोगसमुच्चय सवृत्तिक आदि, वि-१५मी, संपूर्ण
पे. नाम- प्रयोगसमुच्चय सह वृत्तिक
__ कुल झे.पृष्ठ-१० प्रयोगसमुच्चय-(सं.)वृत्ति
सं., गद्य, पाकाहेम ६७१७- पे.क्र. १, पृ. ७मुं, प्रयोगसमुच्चय सवृत्तिक आदि, वि-१५मी, संपूर्ण पे. नाम- प्रयोगसमुच्चय सह वृत्तिक
कुल झे.पृष्ठ-१० प्रयोगसमुच्चय-(सं.)वृत्ति
सं., गद्य, पाकाहेम ६७१७- पे.क्र. १, पृ. ७मुं, प्रयोगसमुच्चय सवृत्तिक आदि, वि-१५मी, संपूर्ण पे. नाम- प्रयोगसमुच्चय सह वृत्तिक
कुल झे.पृष्ठ-१० प्रवचनविचारसार उपाध्याय-नयकुञ्जर, प्रा.,सं., गद्य, आदि वाक्यः श्रीशान्तिः शान्तये सोस्तु भवतां भवतान्तिभित्...
कृ.विः विविध विषयों पर आगमादि संदर्भो के साथ प्रवचनविचारसारसंग्रह संकलित है. पाकाहेम ७०३५, पृ. २७, प्रवचनविचारसार, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२८ भांका १३३, पृ. ३१, प्रवचनविचारसार, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२०, डीवीडी-८५ प्रवचनसन्दोह
प्रा., पद्य, गा.३५५, आदि वाक्यः सारस्सयमाइच्चा विण्हवरणा य गद्दतोया य... पाताखेत ४२- पे.क्र. ११, पृ. ???, कर्मविपाकादि (प्राचीन) १७ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- पेटाकृतिओना पृष्ठाङ्क उपलब्ध नथी.
डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ४५-पे.क्र. १२, पृ. १२५-१४६, सङ्ग्रहणी आदि, त्रुटक
प्रत विशेष- त्रुटक-जीर्ण-नकामी.
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