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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- प्रथम पत्रमा क्र. ९९९०ना टिप्पणना जेधुं चित्र छे. पत्र २६मुं डबल छे.
___ कुल झे.पृष्ठ-२४८ पुप्रे ४०५, पृ. ५९०, प्रज्ञापनोपाङ्गसूत्र सह मलयगिरीय व प्रदेश टीका, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रज्ञापनोपाङ्गनी उपयोगी नोन्ध. प्रारंभिक ११ पत्र अलग से है.
कुल झे.पृष्ठ-५९० प्रज्ञापनासूत्र-(सं.)लघुवृत्ति (प्रदेशव्याख्या)
आचार्य-हरिभद्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.३९३८, भांता ६५, पृ. ९४, प्रज्ञापनासूत्र टीका, संपूर्ण
प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-२२१., ता.पत्र- १-७ आडा अवळा छे.
__ डीवीडी-७२/८२ पुप्रे ४०५, पृ. ५९०, प्रज्ञापनोपाङ्गसूत्र सह मलयगिरीय व प्रदेश टीका, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रज्ञापनोपाङ्गनी उपयोगी नोन्ध. प्रारंभिक ११ पत्र अलग से है.
कुल झे.पृष्ठ-५९० प्रज्ञापनोपाङ्गसूत्र जुओ - प्रज्ञापनासूत्र, आचार्य-श्यामाचार्य, प्राकृत, ग्रं.७८८७ प्रज्ञाप्रकाशषट्त्रिंशिका
मुनि-यशस्वीगणि-शिष्य[लुकागच्छ], सं., पद्य, श्लोक३७, आदि वाक्यः प्रज्ञाप्रकाशाय नवीनपाठी श्रीमारुदेवं वृषभं
प्रणम्य... भांका १८३, पृ. २, प्रज्ञाप्रकाशषट्त्रिंशका, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२, डीवीडी-८७ प्रणष्टलाभ आदि ज्योतिष (निमित्तशास्त्र)
प्रा., पद्य, गा.२९, आदि वाक्यः सिद्धे सत्ताण हिए सुपइट्ठियसासणे जिणे नमिउं... पातासंघवी ६०-३- पे.क्र. २, पृ. १२५०-१२९A, मासकल्पादि अनेक आगमोद्धृत विचारो आदि, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३६, डीवीडी-३०/४८ प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यानादि विविध धार्मिक विचारसग्रह
प्रा., पद्य, पातासंघवीजीर्ण ५७- पे.क्र.५, पृ.?, श्रावक बार व्रत ग्रहण आदि, संपूर्ण पे. नाम- धार्मिक विविध विचारसंग्रह, पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र-६-२२., विविध परचूरण धार्मिक कृतियां.
कुल झे.पृष्ठ-५४, डीवीडी-५७/६० प्रतिक्रमणगर्भहेतु (हेतुगर्भप्रतिक्रमणविधि)
गणि-जयचन्द्रगणि, सं., पाकाहेम १५०६८, पृ. ११, हेतुगर्भप्रतिक्रमणविधि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१२ प्रतिक्रमणगर्भहेतु
सं..
पाकाहेम १०७३५, पृ. ६, प्रतिक्रमणगर्भहेतु - अपूर्ण, वि-१५मी, अपूर्ण प्रतिक्रमणफल सज्झाय
पण्डित-सुमतिकुशल[तपागच्छ], मारुगूर्जर, पद्य, गा.१५, आदि वाक्यः वीरजिनवर पासे पूछे गणधरूं... पाकाभाभा ६२८- पे.क्र. ३, पृ. ५-६, जम्बूस्वामी ब्रह्मगीता स्वाध्याय आदि सङ्ग्रह, वि-१७९१, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१२ प्रतिक्रमणसूत्र जुओ - पगामसज्झाय, प्राकृत, ग्रं.५० प्रतिक्रमणसूत्र-श्रावक जुओ - श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र, प्राकृत, गा.५० प्रतिक्रमणसूत्रसङ्ग्रह
प्रा.,सं., पद्य, आदि वाक्यः आयरिय उवज्झाए सीसे साहमिए कुलगणेय... पाताहेसं ११९- पे.क्र. १४, पृ. १६५-१७४, पुष्पमालाप्रकरण आदि उपदेशमालाप्रकरण , संपूर्ण
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