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कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ पार्श्वजिन स्तुति
प्रा., पद्य, गा.१०, आदि वाक्यः जय जय पासजिणेसर जय निरुवमरूव परमकारूणिय... पाताहेसं १६८- पे.क्र. १६, पृ. ३०आ-३१आ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-३१-३२. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.
कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ पार्श्वजिनस्तव
गणि-भद्रबाहु, प्रा., पद्य, गा.५, आदि वाक्यः चउकसाय पडिमल्लइ लूरण... भांका १३२- पे.क्र. २, पृ. ३B, संवेगचूडामणिप्रकरण सह टबार्थ, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२, डीवीडी-८५ पार्श्वजिनस्तवन जुओ - स्तम्भनपार्श्वजिनस्तवन, संस्कृत, श्लोक५ पार्श्वजिनस्तवन शर्खेश्वर जुओ - शर्केश्वरपार्श्वजिनस्तवन, संस्कृत पार्श्वजिनस्तवन शखेश्वर जुओ - शर्खेश्वरपार्श्वजिनस्तुति, संस्कृत, श्लोकर पार्श्वजिनस्तवन शर्खेश्वर जुओ - शर्केश्वरपार्श्वनाथस्तवन, आचार्य-मुनिचन्द्रसूरि, संस्कृत, का.१० पार्श्वजिनस्तवन शखेश्वर जुओ - शर्खेश्वरपार्श्वनाथस्तवन, पं.-पार्श्वचन्द्र, मारुगूर्जर, गा.१७ पार्श्वजिनस्तवन शङ्खेश्वर जुओ - शङ्खेश्वरपार्श्वनाथस्तवन, संस्कृत, का.१४ पार्श्वजिनस्तुति (विरदमाला)
आचार्य-चक्रेश्वरसूरि, गुरु-आचार्य-धर्मघोषसूरि, सं., पद्य, श्लोक२४, आदि वाक्य: जय श्रीस्तम्भनकपुरकृतावतार... पातासंघवी १७२-३- पे.क्र. ७, पृ. ४४०-४९A, अपभ्रंशस्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- अस्तव्यस्त-त्रुटक., कर्ता-चक्रेश्वरसूरि आदि.
कुल झे.पृष्ठ-३०, डीवीडी-३६/५४ पार्श्वजिनस्तुति
सं., पद्य, श्लोक१, आदि वाक्यः दशावतारो वः पायात्कमनीयाञ्जनद्युतिः... भांता ७२- पे.क्र. २१, पृ. ८३A, दशवैकालिकसूत्रनियुक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-७११.
कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ पार्श्वजिनस्तुति
सं., पद्य, श्लोक४, आदि वाक्यः मायातुङ्गी निरासे... पाकाहेम १२१३३- पे.क्र.२, पृ. १, आदिजिनस्तुत्यादिसङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- जीर्णप्राय
कुल झे.पृष्ठ-२ पार्श्वजिनस्तुति शर्खेश्वर जुओ - शर्केश्वरपार्श्वनाथस्तोत्र, संस्कृत पार्श्वजिनस्तोत्र जुओ - पार्श्वनाथचरित्रस्तोत्र, गणि-जिनवल्लभ, प्राकृत, गा.१५ पार्श्वजिनस्तोत्र
गणि-जिनवल्लभ, सं., पद्य, श्लोक१०, डतामुक्ता ४५७- पे.क्र. ४, पृ. ५-६, जिनवल्लभ कृतयः, वि-१२वी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-९, डीवीडी-१०१/१०२ पार्श्वजिनस्तोत्र एकस्वरचित्रबद्ध# (एकस्वरचित्रबद्ध पार्श्वजिनस्तोत्र)
सं., पद्य, श्लोक७, आदि वाक्यः प्रणमदमरवरकर...
पाकाहेम १२३५८- पे.क्र. ३, पृ. २, साधारणजिनस्तोत्र सटीक त्रिपाठआदि, वि-१७मी, संपूर्ण पार्श्वनाथ अष्टक
आचार्य-नयचन्द्रसूरि, सं., पद्य, श्लोक९, आदि वाक्यः भुजगेन्द्ररम्यं पाकाहेम १०२३- पे.क्र.६३, पृ. १२५-१२६, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण
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