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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.१-११५६.
डीवीडी-६९/७८ तालाद ३८५, पृ. १६०, पाक्षिकसूत्रवृत्ति, वि-१४मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-६४, डीवीडी-९४/९६ लिंता ३४१७, पृ. ३०६, पाक्षिकसूत्र सवृत्तिक, वि-१३०१, संपूर्ण
प्रत विशेष- पत्र ९५, ३०६ नथी. अताका ४९९, पृ. २४९, पाक्षिकसूत्र यशोदेवीय वृत्ति सह किञ्चिद् चूर्णि, वि-११८०, पूर्ण
डीवीडी-१०३/१०४ पाकाहेम १४८६८, पृ. ७७, पाक्षिकसूत्रवृत्तिसह, वि-१५६३, संपूर्ण प्रत विशेष- आ प्रतमां संपूर्ण परिमाण श्लोक सं.३१०० आपेल छे.
कुल झे.पृष्ठ-७६ पाक्षिकसूत्र-(सं.)पाक्षिकविषमपदपर्यायमञ्जरी टीका (पाक्षिकविषमपदपर्यायमञ्जरी)
सं., गद्य, पाकाहेम ६९४५, पृ. २, पाक्षिकविषमपदपर्यायमञ्जरी, वि-१६मी, अपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३ पाक्षिकसूत्र-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम ६५७०, पृ. ९, पाक्षिकसूत्रावचूरि, वि-१५मी, संपूर्ण पाकाहेम ६९३३, पृ.७, पाक्षिकसूत्र अवचूर्णि, वि-१४८५, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-८ पाकाहेम ७५०१, पृ. ९, पाक्षिकसूत्र अवचूरि, वि-१६८२, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति शुद्ध छे.
कुल झे.पृष्ठ-१० पाक्षिकसूत्र-(मा.गु.)बालावबोध
मुनि-सुखसागर, मारुगूर्जर, पद्य, श्लोक१७०३, पाकाहेम ६९४१- पे.क्र. १, पृ. १७३, पाक्षिकसूत्र बालावबोधसहित तथासप्तनयविवरण, वि-१७९१, संपूर्ण पे. नाम- पाक्षिकसूत्र सह (मा.गु.)बालावबोध
कुल झे.पृष्ठ-१७४ पाक्षिकसूत्र-(सं.)अवचूर्णि
सं., गद्य, भांका ८२- पे.क्र. २, पृ. १४B-२२A, दशवैकलिकसूत्र चूलिकायुगलावचूरि आदि, संपूर्ण
पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-११५९. प्रत विशेष- सूचीपत्र क्रमांक-१-७२८, १-११५९, १-९६१. पत्र १,२ नथी.
डीवीडी-८४ पाक्षिकसूत्र-(प्रा.)चूर्णी प्रा.,सं., गद्य, ग्रं.४१५, आदि वाक्यः नित्यं विशुद्धमनसोऽपि साधवः शुद्धवाग्योगकायक्रियाकारिणश्च नित्यं.....
कृ.विः यशोभद्रसूरिकृतवृत्त्यनुसारणी. अताका ४९९, पृ. २४९, पाक्षिकसूत्र यशोदेवीय वृत्ति सह किञ्चिद् चूर्णि, वि-११८०, पूर्ण
डीवीडी-१०३/१०४ पाकाहेम ७५३२- पे.क्र. २, पृ. ११-१७, दशवैकालिकावचूरि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३५ पाक्षिकसूत्र-(मा.गु.)बालावबोध
मुनि-सुखसागर, मारुगूर्जर, पद्य, श्लोक१७०३, पाकाहेम ६९४१- पे.क्र. १, पृ. १७३, पाक्षिकसूत्र बालावबोधसहित तथासप्तनयविवरण, वि-१७९१, संपूर्ण
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