________________
कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी.
कुल झे.पृष्ठ-८१ धर्मप्रभगुरुविवाहलुं
मारुगूर्जर, पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. ४७, पृ. १४७मुं, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी.
कुल झे.पृष्ठ-८१ धर्मप्रभसूरिधुल-धवल
मारुगूर्जर, पद्य, पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. ४८, पृ. १४७-१४८, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी.
कुल झे.पृष्ठ-८१ धर्मप्रभावगाथा प्रा., पद्य, गा.९, आदि वाक्यः धम्मेण धणसमिद्धो धवलजसे धम्मसाहणुजुत्तो...
कृ.विः अन्त वाक्य-सइमइविहवो पवित्थरइ. पातासंघवीजीर्ण ९१- पे.क्र. ९, पृ. ३A-४A, तत्त्वार्थाधिगमसूत्र, प्रशमरति व प्राचीनकर्मग्रन्थ आदि, संपूर्ण
पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र ४७-४८ पर है. उलटे क्रम से झेरोक्ष किया गया है. प्रत विशेष- जीर्ण-अव्यवस्थित.
कुल झे.पृष्ठ-४८, डीवीडी-५८/६० धर्मप्रभावे गुणवर्मकुमारकथा जुओ - गुणवर्मकुमारकथा धर्मप्रभावे, संस्कृत धर्मप्रभावे वसुभूति वसुमित्रकथा जुओ - वसुभूति वसुमित्रकथा धर्मप्रभावे, संस्कृत धर्मबिन्दु (जैन न्याय)
सं..
डतामुक्ता ४६५, पृ.?, धर्मबिन्दु (जैनन्याय), वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पृष्ठ माहिती नथी.
डीवीडी-१०१/१०२ धर्मबिन्दुप्रकरण
आचार्य-हरिभद्रसूरि, सं., गद्यअध्याय८, आदि वाक्यः प्रणम्य परमात्मानं समुद्धृत्य श्रुतार्णवात्... तालाद ३३५, पृ. २७२, धर्मबिन्दु सह टीका, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-११२, झे.रिमार्क-झेरोक्ष पृष्ट ११२ छे., डीवीडी-९४/९६ लिंता ९६७, पृ. ९४, धर्मबिन्दुसटीक, अपूर्ण पाकाहेम ६५८४, पृ. ५२, धर्मबिन्दुप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २०मुं अने ४५मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-५१ धर्मबिन्दुप्रकरण-(सं.)वृत्ति
आचार्य-मुनिचन्द्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.३०००, आदि वाक्यः शुद्धन्यायवशायत्तीभूतसद्भूतसम्पदे ।... तालाद ३३५, पृ. २७२, धर्मबिन्दु सह टीका, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-११२, झे.रिमार्क-झेरोक्ष पृष्ट ११२ छे., डीवीडी-९४/९६ लिंता ९६७, पृ. ९४, धर्मबिन्दुसटीक, अपूर्ण पाकाहेम ६५८४, पृ. ५२, धर्मबिन्दुप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २०मुं अने ४५मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-५१ धर्मबिन्दुप्रकरण-(सं.)वृत्ति
__ आचार्य-मुनिचन्द्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.३०००, आदि वाक्यः शुद्धन्यायवशायत्तीभूतसद्भूतसम्पदे ।...
378