________________
कृति उपरथी प्रत माहिती पे. नाम- सप्ततिशतस्तोत्र सह (सं.) टीका, पे. विशेष सूचीपत्रक्रम-३-५२५. प्रत विशेष सूचीपत्रक्रम-३-३९६. ३-५२५, ३-०४०
डीवीडी-८७
तित्थोगालि पयन्ना जुओ तीर्थोद्गालिक प्रकीर्णक, मुनि-अज्ञात, प्राकृत, ग्रं. १५६५, गा.१२३३ तिथिविचार जुओ - औदयिकतिथिविचार, मारुगूर्जर तिलकमञ्जरी
-
कवि-धनपाल, सं., आदि वाक्यः स वः पातु जिनः ....
पातासंघवी १०७, पृ. २३६, तिलकमञ्जरी प्रथम खण्ड, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३६ नथी. प्रत सारी छे.
डीवीडी-३३/५१
तालाद ३७७, पृ. १९३, तिलकमञ्जरी सह टिप्पण, वि-१२५५, संपूर्ण कुल हो, पृष्ठ- १९६, डीवीडी- ९४ / ९६ झे.
डतामुक्ता ४५९, पृ. ८ तिलक मञ्जरी, संपूर्ण
डीवीडी - १०१/१०२
तिलकमञ्जरी - (सं.) टिप्पण
सं., गद्य,
तालाद ३७७, पृ. १९३, तिलकमञ्जरी सह टिप्पण, वि-१२५५, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- १९६, डीवीडी- ९४ / ९६
तिलकमञ्जरी - (सं.) टीप्पण
आचार्य-शान्तिसूरि[पूर्णतलगच्छीय], सं., पद्य, श्लोक १०५०, आदि वाक्यः सम्यक् नत्वा महावीरं रागादिक्षयकारणं..... पातासंघवी ६४-३, पृ. ८३. तिलकमञ्जरीटीप्पण, वि-१०५०, संपूर्ण
डीवीडी - ३० / ४९
पुत्रे ४३४, पृ. ७९, तिलकमञ्जरीटिप्पन वि-१९५८, संपूर्ण
प्रत विशेष छाणी भंडार की प्रत पर से नकल की गयी है. प्रत पर हाथ से अज्ञातकर्तृकटीका व शान्तिसूरीय टिप्पन दोनो का उल्लेख है पर प्रत में कहीं भी टीका का उल्लेख नहीं मिलता है. कुल झे. पृष्ठ-७९
तिलकमञ्जरी कथासार पद्यबन्ध
पण्डित लक्ष्मीधर (श्वे), सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १२८१ श्लोक १२००, पाकाहेम २६५८, पृ. १९, तिलकमञ्जरीकथासार पद्यबन्ध, वि-१४७४, संपूर्ण कुल झ. पृष्ठ- १४ झे.
तिलकमञ्जरी कथासार पद्यबन्ध
पण्डित लक्ष्मीधर (श्वे), सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १२८१ श्लोक १२००, पाकाहेम २६५८, पृ. १९, तिलकमञ्जरीकथासार पद्यबन्ध, वि-१४७४, संपूर्ण कुल ही पृष्ठ- १४ तिलकमञ्जरी - (सं.) टिप्पण
सं. गद्य,
तालाद ३७७, पृ. १९३, तिलकमञ्जरी सह टिप्पण, वि-१२५५, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- १९६, डीवीडी- ९४ / ९६
तिलकमञ्जरी - (सं.) टीप्पण
आचार्य -शान्तिसूरि [पूर्णतलगच्छीय]. सं., पद्य, श्लोक १०५०, आदि वाक्यः सम्यक् नत्वा महावीरं रागादिक्षयकारणं.... पातासंघवी ६४-३, पृ. ८३, तिलकमञ्जरीटीप्पण, वि-१०५०, संपूर्ण
डीवीडी - ३०/४९
पुत्रे ४३४, पृ. ७९, तिलकमञ्जरीटिप्पन, वि-१९५८, संपूर्ण
326