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कृति उपरथी प्रत माहिती
डीवीडी-३६/५४
पातासंघवी १९३-१- पे.क्र. २, पृ. ६९-७४, पञ्चाशक आदि, संपूर्ण
ये विशेष गाथा-५७.
कुल झे. पृष्ठ ८२, डीवीडी-३७/५४
पाताहेसं ९३, पृ. ७२, कर्मस्तव सटीक, संपूर्ण डीवीडी-७/१६
पाताहेसं ९४, पृ. १५४, कर्मस्तव सटीक, संपूर्ण
डीवीडी-७/१६
पाताहे ११० पे क्र. २ पृ. १आ-६आ अतिचारगाथा आदि संपूर्ण
पे. नाम कर्मस्तव, पे विशेष संपूर्ण गाथा ५६. झेरोक्ष पत्र १-२.
प्रत विशेष - झेरोक्ष पत्र ३१ बेवडाएल छे.
कुल झे. पृष्ठ-३४, डीवीडी-७/१६
पाताहे ११२- पे. क्र. २ पृ. ४२-४६ कर्मप्रकृतिप्रकरण आदि वि-१२५८, संपूर्ण
पे. विशेष- गाथा - ५६.
प्रत विशेष हर्षपुरीय गच्छ में मलधारि अजितसुन्दरी गणिनी ने यह प्रति लिखवायी है. झेरोक्ष पत्र ४० व है.
४१ का दो बार झेरोक्ष हुआ कुल झे. पृष्ठ ४६, डीवीडी-७/१७
पाताहेसं ११४- पे.क्र. १६, पृ. १५५-१५९, उपदेशमालाप्रकरण आदि, संपूर्ण
कुल झे. पृष्ठ-७८, डीवीडी-७/१७
कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ (प्रा.) भाष्य - १
आचार्य महेन्द्रसिंहसुरि, गुरु आचार्य धर्मघोषसूरि, प्रा., पद्य, गा. 90, आदि वाक्यः नमिऊण वद्धमाणं अणुसरिजं
पुव्लवभासजुयलं च....
कृ.विः अन्त वाक्य- संकलियं सिरिमहिंदसूरीहिं० पाढंतु नो विवहा ..
पातासंघवीजीर्ण ४६- पे.क्र. ११, पृ. १९२-१९६, सङ्ग्रहणी आदि, वि- १२८६, अपूर्ण
पे. विशेष - गाथा - ६९. संपूर्ण झेरोक्ष पत्र - ५४-५७.
में
प्रत विशेष- पेटांकों का क्रम अव्यवस्थित है. दो प्रतों के पत्र इसमें सम्मिलित है. संवत् १३०९ पालनपुर संघ के समक्ष आचार्य पद्मदेवसूरि द्वारा साध्वी नलिनप्रभा को पढने हेतु यह प्रत दी गयी. प्रतिलेखन वर्ष मात्र ८६ वर्षे इस तरह लिखा हुआ है. अतः ११८६ अथवा १२८६ प्रतिलेखन वर्ष होना संभव है. पेटांक में उल्लिखित पत्रवाले कोष्ठक के पत्रांक ताडपत्रीय है. कुल झे. पृष्ठ- ८०, डीवीडी-५७/६०
कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ - (प्रा.) भाष्य - २ (प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ भाष्य )
प्रा., पद्य, गा.३३, आदि वाक्यः बन्धेविसुत्तरसयं सयवावीसं तु....
कृ. विः अन्त वाक्य- अणुदय पत्तुदीरमा या.
पातासंघवीजीर्ण ४६- पे.क्र. १२, पृ. १९६-१९७, सङ्ग्रहणी आदि, वि- १२८६, अपूर्ण
पे. विशेष गाथा ३३. संपूर्ण झेरोक्ष पत्र ५७-५८.
प्रत विशेष पेटांकों का क्रम अव्यवस्थित है, दो प्रतों के पत्र इसमें सम्मिलित है. संवत १३०९ पालनपुर में संघ के समक्ष आचार्य पद्मदेवसूरि द्वारा साध्वी नलिनप्रभा को पढने हेतु यह प्रत दी गयी. प्रतिलेखन वर्ष मात्र ८६ वर्षे इस तरह लिखा हुआ है. अतः ११८६ अथवा १२८६ प्रतिलेखन वर्ष होना संभव है.
पेटांक में उल्लिखित पत्रवाले कोष्ठक के पत्रांक ताडपत्रीय है. कुल झे. पृष्ठ- ८०, डीवीडी-५७/६०
पाताहेसं ११०- पे.क्र. ३, पृ. ६अ - ९अ, अतिचारगाथा आदि, संपूर्ण
पे. नाम कर्मस्तवभाष्य पे. विशेष संपूर्ण गाथा २७. झेरोक्षपत्र- १ ४.
प्रत विशेष - झेरोक्ष पत्र ३१ बेवडाएल छे.
कुल झे. पृष्ठ-३४, डीवीडी-७/१६
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