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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
भाषा
कृति प्रकार
क्षमाश्रमण श्रेष्ठ
३१२५ कागजवि . १६मी
१४९२३ : गुरुतत्त्वसिद्धि
संपूर्ण
(९)
:(१२.७४५.२)
स..प्रा.
कागज
:मल ग्रन्थान-५३६वटीका ग्रन्थाग-109qa/
गा iqo
१४९२४ सम्यक्त्वसप्ततिकावृत्ति सह ...
दर्शनसप्ततिकाप्रकरण
दर्शनसप्ततिकाप्रकरण-टीका १४९२६ । दशवैकालिकसूत्रवृत्ति
दशवैकालिकसूत्र-टीका १४९२७ दशवकालिकसूत्र चूर्णि
दशवैकालिकसूत्र-चूर्णि
:श्रेष्ठ हरिभद्रसूरि सङ्घतिलकसूरि जीर्ण तिलकसूरि
कागज
(१२.७४५)
गं(9000
वि.१५४९ ।१४९
(१४९) दंसणसुद्धिपयासं पद्य
सच्चामीकरबन्धुरोद्धगद्य.. वे.१६मी १८४ वि.१3०४ अहेन्तः प्रथयन्तु १९२.
(१९२० णमो अरहन्ताणं० गद्य
मडगल । वि. १५३८. १९८
शक. ७९८ जयति समस्तवस्तु
सपूर्ण
कागज
प्रा.
ग्रं.७९७०
संपूर्ण .
कागज
१४९२८ आचाराङ्गसूत्रवृत्ति
आचारागसूत्र-वृत्ति
शीलाड़काचार्य
ग्रं. १२०००
:प्रथम पत्रमा समवसरण- चित्र छ.. (१२.७४५) : प्रथमश्रुतस्कन्ध टीका ग्रन्थान-९६६१. वाहरी साधु :
सहायेन कृता टीका. पत्र ४९९ डबल तथा पत्र ८७ मुंत्रण छे.. (१२.७४५.२)...
१४९३२ आचाराङ्गसूत्रवृत्तिचूर्णि
जीर्ण
संपूर्ण
कागज
वि. १५३८
१३१
(१३९)
प्रा.स....
प्र.८३००
मडगलादीणि सत्थाणि :गद्य
१४९३५
संपूर्ण
कागज
(७)
: (११४४.७)
आचारागसूत्र-चूणी सारावलि प्रकीर्णक, आचारागसूत्र चूलिका (पे.१) सारावली प्रकीर्णक
प्रा.
गा.११६
आरम्भेसु नियत्ता
पद्य
(पे.पृ. १-४) [कृ.वि. : खंभात सूचिपत्र भाग-२ में कर्ता-जिनयश का उल्लेख है] (पे. पृ. ४-६) पे.वि. : आचारांगसूत्र :चुलिकागाथा-८७.
(पे.२) आचारांगसूत्र चूलिका
आचार्यचूलिका सिद्धान्त
जिनमुनि
प्रा.
:गा.८७
तं नमह रिसहनाई
पद्य
केवल
१४९३८ : सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि
जीर्ण
संपूर्ण
वि.१५३८
१५५
(१५६)
प्रति चोटेली छे.प्रथम पत्रमा समवसरण- चित्र छ.. (१२.19४५.२)
:प्रा..सं
लोक९५००
सूत्रकृताङ्गसूत्र-चूर्णी १४९५४ चतुर्विशतिजिनप्रबन्ध..
णमो अरहन्ताणं.. ६१-१(१)-६०
संपूर्ण
कागज
वि. १५मी
(99XX)
549