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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
स्थिति
पूर्णता
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
गद्य
(पे.४) प्रश्नव्याकरणसूत्र-वृत्ति ......
(पे.५) विपाकसूत्र-वृत्ति १४९०७ यतिजीतकल्पसूत्रसटीक ..
यतिजीतकल्पसूत्र नव्य
अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि जीर्ण सोमसूरि
ग्रं. ४६३० ग्रं.९०० कागजवि . १५३८ गा.३३३
नत्वा श्रीवर्द्धमाना
: गद्य १११ कयपवयणप्पणामो वृच्छं: पद्य
(प.पू. २१-९२) (पे.पू. १२-१०७) (१३४५:२.. जीतकल्प, निशीथसूत्र आदिना आधारे निर्मित प्रथम २३. गाथाओ जीतकल्पनी सरखी,
यतिजीतकल्पसूत्र नव्य-वृत्ति
साधुरत्नसूरि
श्लोक ५७००वि . १४५६
जयति महोदयशाली
पद्य
भास्व
१४९१० जीतकल्पचूर्णी
जीर्ण
कागज
वि. १५३८
(१२.७४५).......................
जीतकल्पसत्र-चणी
सिद्रसेनसरि
गं.११००
मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि.१५६४
२१ : सिद्धत्थसिद्धसासण २१५ जयति नवनलिणिकुवलयविय
१४९१५ चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र सटीक..
चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र
गद्य (२१६) गद्य
(१३४५)................
ग्रं. १८३१
चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र-वृत्ति
मलयगिरिसूरि
ग्रं. ९५००
:गद्य
मुक्ताफलमिव करतलकलित
संपूर्ण
कागज
वि.१६.मी
:४५
-१८६०...(१२.५४५).
जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिचूर्णी जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-चूर्णी
ग्रं. १८६९
णमिऊण विणयविरतियकर
१४९१७
उपदेशरत्नाकरस्वोपज्ञटीकासह
: श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
:वि. १५४४
:१४५
(१३४)
:पत्र३१-३२ भेगा अने ११२ मुंडबल छे./.
१२.७४५
उपदेशरत्नाकर
गद्य
उपदेशरलाकर-स्वोपज्ञटीका ... १४९२०: पञ्चकल्पभाष्य
पञ्चकल्पसूत्र-महाभाष्य
मुनिसुन्दरसूरि मुनिसुन्दरसरि मध्यम सधदास गणि क्षमाश्रमण
नं.७६७५. कागज गा.२५७४ ग्रं.
वि.१५३८
:(१२.७४५)
:४९ वन्दामि भद्दबाहुं
(५०) पद्य
३१२५
१४९२१ : पञ्चकल्पचूर्णि
जीर्ण
पञ्चकल्पसत्र-चणी
: कागज............: वि. १५३८.....६४
मड़गलादीणि सत्थाणि कागज
वि. १५४९
(६७). ................(१२.७४५:२... गद्य (६६)
............ (१२.७४५)
१४९२२ पञ्चकल्पभाष्य
जीर्ण
संपूर्ण
पञ्चकल्पसत्र
पञ्चकल्पसत्र-महाभाष्य
सङघदास गणि
प्रा.
गा.२५७४ ग्रं.
वन्दामि भद्दबाईपद्य
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