________________
ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार गद्य
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र भाषा
परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य सं..प्रा.,अपभ्रं. . १२००० वि. ११२९ प्रणम्य विघ्नसघात : संपूर्ण
वि. १४९६ : २३.. सं.
सर्ग६ ग्रं. १८०८ वि. १४८४ विजयतां जिनवाक्यसुधा
ने मिचन्द्रसुरि
उत्तराध्ययनसूत्र-सुखबोधावृत्ति १०१०५ गुणवर्माचरित्र पद्य
गुणवर्माचरित्र
कागज
(२१)
माणिक्यसुन्दरसूरि
पद्य
सर्ग-4?, (११.७४५) अं.वाक्य-गुणवर्मगुरूर्योग्यं. /विशिष्ट रचना प्रशस्ति पत्र १४४मुं डबल छे अने पत्र १५७म नथी., (१२४४.७)
१०१०६ : भगवतीसूत्र
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
। वि. १६०८
१७५
(१७६)
प्रा.
गं. १६०००
गद्य
सुधर्मास्वामी मध्यम
नमो अरिहन्ताण. ३७.
१०१०७ : स्यादिसमुच्चय
संपूर्ण
कागज
वि.१५मी
। (३७)..............(१२.२४४.५).
अमरचन्द्रसरि
गं. १२६७
१०१०८: शिशुपालवधमहाकाव्य सटीक
:मध्यम
अपूर्ण
कागज
वि. १६मी
प्रति पाणीथी भीजायेली छे., (१२४४.५)
पञ्चपाठ
शिशुपालवध
संपूर्ण
कागज
वि.१५मी
ग्रन्थान-४१७५., (१२४४.५)
गा.५४४
गाथा ५४० थी ५४६ मळे छे.
नमिऊण जिणवरिन्दे हेयोपदेयार्थोपदेश
ग्रं.४०६१
शिशुपालवधमहाकाव्य-टीका . १०१०९ उपदेशमालाप्रकरण
मध्यम हेयोपादेयाटीकासहित उपदेशमाला
धर्मदास गणि उपदेशमालाप्रकरण-हेयोपादेया टीका-: सिद्धर्षि गणि
कथा रहित १०११० नवतत्त्वप्रकरण बालावबोधसहित
नवतत्त्वप्रकरण....
नवतत्त्वप्रकरण-बालावबोध १०१११ कर्मविपाक प्रथम कर्मग्रन्थ वृत्तिसह श्रेष्ठ
कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ गर्गर्षि
कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ-वृत्ति परमानन्दसूरि १०११२ : सप्तपदार्थीटीका कणपोटली : मध्यम
श्रेष्ठ
संपूर्ण
कागज
..........वि. १५मी.
(१०)
(१२.५४४.५)
गा. ४९
जीवाजीवा पनपावा
पद्य
गद्य
संपर्ण
कागज
वि.१५मी
१२
पत्र जूं नथी... (१२४४.५). गाथा १६६ थी १७८ सुधी मळे छे.
(१३) ववगयकम्मकलड़कं वीरं पद्य निःशेषकर्मोदयमेघजाल गद्य
(१३)
संपूर्ण
कागज
वि. १५१५
१२
प्रति पाणीथी भींजायेली छे. पत्र ३जु नथी..
(१२४४.२)
सप्तपदार्थी-कणपोटली टीका १०११३ सप्तपदार्थी
श्रेष्ट
.......... वि. १६मी ..
(१२xx.)
:भावविश्वेश्वर
441