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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/.पत्र) कृति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कळ
१४३२ गं.७000
दोणाचार्य
गद्य
सं. संपूर्ण
जीर्ण
कागज
(१३.५४५:२...
जिनप्रभसरि
गं. ५४८
ओघनियुक्ति-वृत्ति १००७० यतिप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति
पगामसज्झाय-वृत्ति १००७१: पाक्षिकसूत्र तथा पाक्षिकक्षामणक
.(पे.) पाक्षिकसूत्र
(पे.२) क्षामणकसूत्र १००७२ दशवैकालिकसूत्र
....... वि. १६मी..... ....... वि. १३६४ ....... वि. १६मी
तित्थडकरे य तित्थे ..
श्रेष्ठ
कागज
....................
: संयुक्त प+ग
खामणा पण साथे छे... (१३.५४५.२). (पे.पू. ४)
(प.पू.४) : प्रथम पत्रमा समवसरण- चित्र छे.. (१३.५४५.२)
कागज
(२४)
संपूर्ण
कागज
: वि.१६मी
धम्मो मङगलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग ..........: वि. १६मी... १० गा.४४० ग्रं.४४६............
सिद्धगतिमुवगयाणं
पद्य कागज वि. १६मी..... १०१.
(१००... ग्रं.८४००
गद्य
१००७३ : दशवकालिकसूत्र नियुक्ति
दशकालिकसूत्र-नियुक्ति १००४ दशवैकालिकसूत्र चूर्णि
दशवैकालिकसूत्र-चूर्णी
:भद्रबाहस्वामी
जीण
संपूर्ण
गाथा-४४४., (१३.५४५.२) गाथा संख्यामां थोडंक वैविध्य मळे छे. ग्रन्थान-७२७०...(१३.५४५.२)... हस्तप्रतोमा ग्रन्थान ७००० थी ८४०० सुधी मळे छे. समान कृति हशे? ग्रन्थान-३०००...(१३.५४५.२) हारिभद्री बृहद्वृत्तिना मूल सूत्र व्याख्याभागनो
श्रेष्ठ
कागज
१००७५ दशवैकालिकसूत्र टीका
दशवैकालिकसूत्र-लघुवृत्ति
संपूर्ण सं.
। वि. १४९९ ...३४ :वि. १२२० जयति विजितान्यतेजाः
(३५) गद्य
सुमतिसूरि
ग्रं.२६५०
उद्वार
१००७६. पिण्डनियुक्ति
श्रेष्ठ भदबाहस्वामी
संपूर्ण... प्रा. संपूर्ण
कागज गा.६९७ कागज
...वि. १६मी..... १३.
पिण्डे उग्गम उपायण वि. १६मी ११०
पद्य
: १००७७ : पिण्डनियुक्ति सटीक
मध्यम
(990)
(१३.५४५:२... गाथा ६९७ थी ७९० सुधी मळे छे. प्रथम पत्रमा क्र. ९९९०ना टिप्पण जेवू चित्र छे.. :(१३.५४५.२) गाथा ६९७ थी ७९० सुधी मळे छे. ग्रन्थान ७००० थी ७५०० सुधी मळे छे. प्रथम पत्रमा समवसरणचें चित्र छे..(१३.५४५.२):
गा.६९७
: पिण्डे उग्गम उप्पायण
पद्य
.......
पिण्डनियुक्ति
पिण्डनियुक्ति-बृहद्धत्ति १००७८: उत्तराध्ययनसूत्र
भद्रबाहस्वामी मलयगिरिसूरि
प्रा.... सं... संपूर्ण
ग्र.७२५०
मध्यम
कागज
वि.१६.मी
:34
(३५) संयुक्त प+ग
सुधर्मास्वामी
प्रा.
सञ्जोगाविष्पमुक्कस्य ।
जीण
संपूर्ण
। अध्याय ३६ ग्रं.
२०९५ कागज गा. ५९६ ग्रं.६०७ कागज ........
.वि. १६मी..... ११
(१२)....
19००७९. उत्तराध्ययनसूत्र नियुक्ति
उत्तराध्ययनसूत्र-नियुक्ति १००८० उत्तराध्ययनसूत्र चूर्णि
........गाथा-५६६....१३:५४५.२....
भद्रबाहस्वामा
पद्य
संपूर्ण...
वि. १६मी./७४.
(७४)............. ग्रन्थान-५८५०.. (१३.५४५.२).
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