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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/.पत्र) कति प्रकार पद्य
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
भाषा
प्रा.
गा.६१
...
सिरिवीरजिणं वन्दिअ
मारुगूर्जर
(पे. पृ. १३)
गा.३४
तह थुणिमो वीरजिणं... पद्य
प्रा............ : मारुगर्जर
संपूर्ण
ट
वि. १७मी
२०
..
(२१)
(९.७४४.७) (पे.पृ.२०)
कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ देवेन्द्रसूरि कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ-स्तबक धनविजय (पे.२) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ सह (मा.गु.)स्तबक कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ. :देवेन्द्रसरि कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-स्तबक धनविजय तृतीय-चतुर्थकर्मग्रन्थ टबार्थसहित (पे.१) तृतीय कर्मग्रन्थ बन्धस्वामीत्व सह (मा.ग.)टवार्थ बन्धस्वामित्व नव्य तृतीय कर्मग्रन्थ
देवेन्द्रसूरि बन्धस्वामित्व नव्य तृतीयकर्मग्रन्थटबार्थ (पे.२) षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ सह (मा.गु.)टबार्थ षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ
:देवेन्द्रसार षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ-टबार्थ षष्ठकर्मग्रन्थ टबार्थसहित सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ चन्द्रर्षि महत्तर
बन्धविहाणविमुक्क
पद्य
मारुगुर्जर
गद्य
(पे. पृ.२०)
गा.८६
नमिअ जिणं जिअमरगण पद्य
मारुगर्जर संपूर्ण
श्रेष्ट
कागज
गद्य वि. १७मी...८५-५४(१ थी ५४)=३१.. (३१)
सिद्धपएहि महत्थं पद्य
:१०.५४४.७)
प्रा.
गा.९१
चन्द्रमहत्तरीयानुसार | गाथाओ ८३ थी ९१ सुधी मळे छे.
मारुगुर्जर
: गद्य (१८)
७००४
कागज
वि. १६मी
२४
(१०.५४४.५)
प्रा.
गा.१५०
पडिबिम्बिय पणयजयं
सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-टबार्थ सन्देहदोलावलीप्रकरण
: मध्यम
संपूर्ण विधिरत्नकरण्डिकानामक लघुवृत्तिसहित सन्देहदोलावलीप्रकरण
। जिनदत्तसरि सन्देहदोलावलीप्रकरण
:जयसागर वाचनाचार्य :सं. विधिरत्नकरण्डिका लघुवृत्ति योगप्रदीप
श्रेष्ठ शुभचन्द्राचार्य (दिगम्बर).
ग्रं. १५५०
.......:.१०.
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