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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष : पत्र
स्थिति
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
जम्बूद्वीपसमासप्रकरण
जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण
गा.८६
नमिउण सजल जलहर
पद्य
गाथा-८४ थी १९९ सुधीनी प्रतो मळे छे. बृहत्क्षेत्रसमासनो संक्षेप छे.
गद्य
क्षेत्रसमासप्रकरण-अवचूरि लघुक्षेत्रसमासप्रकरण आदि (पे.१) लघुक्षेत्रसमासप्रकरण
कागज
वि.१८मी
२५
(२६).
जीर्ण रत्नशेखरसूरि
(9०x४.५) (पे.पृ.) [कृ.वि. : टिप्पणी युक्त
गा.२६२
पद्य
वीरं जयसेहरय पइदिठ सिरिवीरजिणं वन्दिय
(पे.२) कर्मग्रन्थषट्क
देवेन्द्रसूरि
:पद्य
पद्य
(पे.३) जीवस्थापनाकुलक कर्मग्रन्थषटक
गा.२५.. कागज
६९७१
(२३)
श्रेष्ठ देवेन्द्रसूरि
(पे.पू.?) [कृ.वि. : १-५ देवेन्द्रसूरिना रचेला छे अने सप्ततिका कर्मग्रन्थ अन्यकृत छे], (पे.पू.?.. (९.७४४.२.. १-५ देवेन्द्रसूरिना रचेला छे अने सप्ततिका कर्मग्रन्थ अन्यकृत छे. (१०.२४४.५).
सिरिवीरजिणं वन्दिय
: पद्य
E९७२
कर्मग्रन्थषटक अवचरि
जीर्ण
वि. १५९२.
वि. १४५९
.६९७३
: वि. १५११...
प्रतिलेखन पुष्पिका..(१०.५४४.५. (प. पृ.१-२
श्रियाष्टाप्रातिहार
गद्य
(पे..प्र.३-12.
तह० मिथ्यात्वादिभिर
गद्य
(पे.पृ.५-६)
कर्मग्रन्थषटक-अवचुरि
गणरत्नसरि नव्यकर्मग्रन्थचतुष्टय अवचूरि (2.9) कर्मपाकावरि कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थअवचुरि (पे.२) कर्मस्तवावचूरि कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-अवरि । (पे.३) बन्धस्वामित्वावचूरि बन्धस्वामित्व नव्य तृतीय कर्मग्रन्थअवचूरि (से.४) पडशीतिकावरि षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ-अवचूरि: कर्मविपाक-कर्मस्तव कर्मग्रन्थ सस्तबक (पे.१) कर्मविपाक कर्मग्रन्थ सह (गु.)स्तबक
बन्ध० बन्धकर्माना
पे....६..................
नमि० तत्र जीवन्ति
६९७४
: वि.१७०६
(१०x४.५)
(पे.पृ.१३)
378