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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
स्थिति
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
कति प्रकार
क्षमाश्रमण श्रीचन्द्रसूरि
ग्रं. १७८८४ श्लोक ११००
वि. ११७४
प्रणम्य वीरं सुरवन्द
पद्य
(पे.पृ. २७७-३००) पे.वि. : सचित्र.
(पे.२) निशीथसूत्र-विशेषचूर्णीनी विशोदेशकव्याख्या उत्तराध्ययनसूत्र सह दीपिकावृत्ति
मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि. १५०१
१५६+१(१)=१५७
(१०८)
: पत्र ७६ डबल, सत्यविजय गणिए पाटणना भंडारमा मुकेली प्रति., (११.५४४.५).
उत्तराध्ययनसूत्र
सुधर्मास्वामी
प्रा.
सञ्जोगाविष्पमुक्कस्य
संयुक्त प+ग
अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ j 190
संपूर्ण
कागज
वि. १४८७
श्रीउत्तराध्ययनस्य गद्य ४०
(४२) धम्मो मड़गलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग
(१२४४.५)
सुमतिटीकानुसारिणी. उभय ग्रन्थाग-१८४९...(१२.२४४.५).
ग्र.७००
धम्मो मलगलमक्किटठ
संयक्तप+ग
उत्तराध्ययनसूत्र-दीपिकाटीका दशवैकालिकसूत्र सावचूरि
जीर्ण दशवकालिकसूत्र
शय्यम्भवसूरि दशवैकालिकसूत्र-अवचूरि दशवैकालिकसूत्र सावचूरि
जीर्ण दशवकालिकसूत्र
:शय्यम्भवसरि दशवैकालिकसूत्र-अवचूरि दशवैकालिक आदि सूत्रप्रकरण चरित्र : श्रेष्ठ स्तोत्र सङ्ग्रह (2.9) दशवैकालिकसूत्र
...........
शय्यम्भवसूरि (पे.२) पाक्षिकसूत्र (पे.३) पगामसज्झाय (पे.४) पिण्डविशुद्धिप्रकरण
! जिनवल्लभ
संपूर्ण
कागज
(९०)
ग्र.७००
सुमतिटीकानुसारिणी. प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली छे, पत्र-५८.५९ भेगा छे.. (११.७४४.५). (पे.पू. १-१३) (प..१३:१82.पे.वि....क्षामणक सहित. (पे.पू. १९-२१)............ (ये.पृ. २१-२३) [कृ.वि. : गाथा १०५ सुधी मळे
धम्मो मङ्गलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग तित्थड़करे य तित्थे। संयक्त प+ग इच्छामि पडिक्कमिउं... देविन्दविन्दवन्दियपय पद्य
ग्रं.३५०
ग्रं.५० गा. १०४
गा.२१
(पे.५) आवकधर्मकुलक.. (पे.६) प्रव्रज्याविधानकुलक
निसाविरामे परिभावयामपद्य संसारविसमसायरभवजल: पद्य
गा.३०
पहि
पद्य
(पे.७) नन्दीसूत्रनो हिस्सो स्थविरावली देववाचक (प.८) विवेकमञ्जरीप्रकरण
आसड (ये.२) आत्मानुशासन
पार्श्वनाग (दिगम्बर)
/पे.पू. २३:२४.पे.वि... गाथा-२१.. (ये.पृ. २४) [कृ.वि. : गाथा- २४ थी ३५ सुधी मळे छे.. (प.पू. २४-२५). (प.पू. २५-२८). (पे.पू. २८-३०) कृ.वि. : परिमाण आर्या रूपे
गा. ५० गा.१४४
जयइ जगजीवजोणी... सिद्धिपुर सत्थवाह सकलत्रिभुवनतिलक
वि. १२८८
पद्य
श्लोक ७७वि . १०४२
आप्यु छे..
(पे.१०) ऋषभजिनस्तोत्र चरित्र.......... जिनवल्लभ.............. प्रा. .............गा.२५.
निमिय जिणमुसभमुभयं...: पद्य.....
(ये.पृ.३०
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