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________________ वण्ण 822 - अभिधानराजेन्द्रः - भाग 6 वण्ण स्निधभावागत्, द्वितीयस्य च रूक्षभावादेकः, एवम्' - अनेनैव न्यायेन प्रदेशद्वयस्योष्णभावाद् द्वितीयः, तथा प्रदेशद्वयस्यापि स्निग्धभावात्, तत्रा चैकस्य शीतभावदेकस्य चोष्णभावात्तृतीयः, एवम् अनेनैव न्यायेन प्रदेशद्वयस्य रूक्षभावाचतुर्थ इति, 'सिय चउफासे' ति इह 'देसे सीए | देसे उसिणे देसे निद्धदेसे लक्खे ति वक्ष्यमाणवचनादेकः, एवं त्रिप्रदेशादिष्वपिस्वयमभ्याम् / 'सुहुमपरिणए ण मित्यादि अनन्तप्रदेशिको बादरपरिणामोऽपि स्कन्धो भवति द्वयणुकादिस्तु सूक्ष्मपरिणाम एवेत्यनन्तप्रदेशिकस्कन्धः सूक्ष्म परिणामत्वेन विशेषितस्तत्राद्याश्चत्वारः स्पर्शाः सूक्ष्मेषु बादरेषु चानन्तप्रदेशिकस्कन्धेषु भवन्ति, मृदुकठिनगुरूलघु स्पर्शास्तु बादरेष्वेवेति। भ०१५ श०६ उ०। पभावणा वण्णो भण्णतितं करेति तित्थरस, तित्थं चउवण्णो समणसंघो दुवालसंग वा गणिपिडगं / नि० चू० 1 उ०। (वर्णोच्चारणे लघुत्वगुरूत्वादिविचारः तत्प्रतिपादिका प्राणि धाने त्रिकवर्ण संख्याख्यापनाय गीतिगाथा 'चेझ्यवंदण' शब्दे तृतीयभागे 1321 पृष्ठे गता) तद्व्याख्याचेयम् - क्रमाद्यथाक्रमम् एषु नमस्कार १क्षमाश्रमणे 2 र्यापथिकी 3 शक्रस्तव 4 चैत्यस्तव 5 नामस्तव 6 श्रुतस्तव 7, सिद्धस्तव 8 प्रणिधानेषु नवसु स्थानेषु गुरूवर्णा ज्ञातव्या इति शेषः। 'कियन्त' इत्याह - सप्त 1 त्रयः 2 चतुर्विशतिः 3 त्रयस्त्रिंशत् 4 एकोनत्रिंशत् 5 अष्टाविंशतिः 6 चतुस्त्रिंशत् 7 एकोनत्रिंशत 8, द्वात्रिशत् 6. गुरवो द्विगुणितरूपा नतु संयोगे पूर्वो गुरुरित्यादिलक्षणलक्षिता वर्णा-अक्षराणि / सहा 01 अधि० 3 प्रस्ता.। परमाणुपुद्गलः कतिवर्ण :परमाणुपोग्गले णं भंते ! कतिवन्ने कतिगंधे कतिरसे कति फासे पन्नत्ते ? गोयमा ! एगवन्ने एगगंधे एगरसे दुफासे पन्नते, तं जहा-जइ एगवन्ने सिय कालए, सिय नीलए सिय लोहिए सिय हालिद्दे सिय सुक्किले, जइ एगगंधे सिय सुडिमगंधे सिय दुब्भिगंधे, जइ एगरसे सिय तित्ते सिय कडुए सिय कसाए सिय अंबिले सिय महुरे, जइ दुफासे सिय सीए य निद्धे य 1 सिय सीये य लुक्खे य 2 सिय उसिणे य निद्धे य 3 सिय उसिणे य लुक्खे य / दुपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने ? एवं जहा अट्ठारसमसए छट्ठद्देसए० जाव सिय चउफासे पन्नत्ते, जइ एगवन्ने सिय कालए० जाव सिय सुकिलए जइ दुवन्ने सिय कालए नीलए | य 1 सिय कालए य लोहिए य 2 सिय कालए य हालिद्दए य 3 सिय कालए य सुकिल्लए य 4 सिय नीलए यलोहिए य५ सिय नीलए य हालिद्दए य 6 सिय नीलए य सुकिल्लए य 7 सिय लोहिए य हालिद्दए 8 सिय लोहिए य सुक्किलए यह सिय हालिद्दए य सुकिल्लए य 10 एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जइ एगगंधे सिय सुब्मिगंधे सिय 1 दुन्मिगंधे य 2 जइ दुगंधे सुन्मिगंधे य दुब्मिगंधे य, रसेसु जहा वन्नेसु जइ दुफासे सिय सीए य निद्ध य एवं जहेव परमाणुपोग्गले 4, जइ तिफासे सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे 1 सव्वे उसिणे देसे निद्धे लुक्खे 2 सवे निद्ध देसे सीए देसे उसिणे 3 सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे 4 जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे 1 एए नव भंगा फासेसु / तिपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने जहा अट्ठारसमसए छट्ठदेसे 0 जाव चउफासे पण्णत्ते, जइ एगवन्ने सिय कालए 0 जाव सुकिल्लए 5 जइ दुवन्ने सिय कालए य सिय नीलगे य 1 सिय कालगे नीलगाय 2 सिय कालगा य नीलए य 3 सिय कालए य लोहियए य 1 सिय कालए य लोहियगा य 2 सिय कालगा य लोहिए य 3 एवं हालिद्द ण वि समं भंगा 3 एवं सुकिल्लएण वि समं 3 सिय नीलए य लोहियए य एत्थं पि मंगा 3 एवं हालिबएण वि समं भंगा 3 एवं सुकिल्लेण वि समं मंगा 3 सिय लोहियए य हालिद्दए य भङ्गा 3 एवं सुकिल्लेण विममं 3 सिय हालिद्दए यसक्किल्लए य भंगा 3 एवं सवे ते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवति, जइ तिवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य 1 सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य 2 सिय कालए य नीलए य सुकिल्लए य 3 सिय कालए य लोहियए य हालिद्दए य : सिय कालए य लोहियए य सुकिल्लए य 5 सिय कालए य हालिबए य सुकिल्लए य 5 सिय कालए य हालिद्दए य सुकिल्लए य 6 सिय नीलए य लोहियए य हालिदए य 7 सिय नीलए य लोहिए य सुकिल्लए य 8 सिय नीलए य हालिद्दए य सुकिल्लए यह सिय लोहिए य हालिहए य सुकिल्लए य 10 एवं एए दस तियासंजोगा। जइ एगगंधे सिय सुबिभगंधे 1 सिय दुडिभगंधे 2 जइ दुगंधे सिय सुब्मिगंधे य दुब्भि गंधे य भंगा 3 / रसा जहा बना / जइ दुफासे सिय सीए य निद्धे य एवं जहेव दुपएसियस्स तहेव चत्तारि भंगा 4, जइ तिफासे सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे 1 सवे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा 2 सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लुक्खे 3 सवे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे 3 एत्थ वि भंगा तिन्नि, सव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिणे मंगा तिन्नि, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे मंगा निग्नि एवं 12, जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे 1 देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा 2 देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे 3 देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे / देसे सीए देसे उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा 5 देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे 6 देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे 7 देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसा
SR No.016148
Book TitleAbhidhan Rajendra Kosh Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayrajendrasuri
PublisherRajendrasuri Shatabdi Shodh Samsthan
Publication Year2014
Total Pages1492
LanguageHindi
ClassificationDictionary
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