________________ आयरिय 366 अमिधानराजेन्द्रः भाग२ आयरियखेत्त त्थरवी णकसायवीतरागचरित्तारिया य सेकिंतं सयंबुद्धछ उमत्थखीणकसायवीतरागचरित्तारिया? दुविहा पण्णत्तातंज हा पढ मसमयसं बुद्धखीणक सायवीतरागचरित्तारिया अपढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीतराग-चरित्तारिया य अहवा चरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणक-सायवीतराग चरित्तारिया अचरिमसमयसयंबुद्धछमत्थ-खीणकसायवी तरागचरित्तारिया य सेत्तं सर्यबुद्धछउमत्थ-खीणकसायवी तरागचरित्तारिया / सेकिंतं बुद्धबोडिय- छउमत्थकीणकसायवीतरागचरित्तारिया ? 2 दुविहा पण्णता, तंजहा पढम समयबुद्धबोहियछ उमत्थखीणकसायवीतरागचरित्तारिया अपढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीतरागचरिसारिया य अहवा अरिमसमय-बुद्धबोहियछउमत्थखीण कसायवीतरागचरित्तारिया अचरिमसमयबुद्धबोहियाउमत्थखीणक सायवीतरागचरित्तारिया य सेत्तं बुद्धबोहिय छउ मत्थखीणक सायवीतरागचरित्तारिया सेत्तंछउमत्थखीणकसायवीतराग-चरित्तारिया। सेकिंतं केवलिखीणकसा यवीतरागचरित्ता-रिया? 2 दुविहापण्णत्ता। तंजहा सजोगी केवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया अजोगीकेवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया या सेकिंतं सजोगीकेवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया ?2 दुविहापण्णत्ता। तंजहा पढमसमयसजोगीकेवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया अपढमसमयसजोगीके वलिखीणकसाय-वीतरागचरित्तारिया य अहवा | चरिमसमयसजोगिकेवलि-खीणकसायवीतरागचरित्तारिया अचरिमसमयसजोगि-केवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारियाय / सेत्तं सजोगिकेव-लीखीणकसायवीतरागचरित्तारियाय सेर्कितं अजोगी-केवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया 12 दुविहा पण्णत्ता। तंजहा पढमसमयअजोगीकेवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया अपढमसमयअजोगिके वलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया य अहवा चरिमसमयअजोगिके वलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया / अचरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया य सेत्तं अजोगिके वलिखीणक सायवीतरागचरित्तारिया / सेत्तं के वलिखीणकसायवीतरागचरित्तारिया / सेत्तं खीणकसाय-वीतरागचरितारिया सेत्तं वीतरागचरित्तारिया अहवा चरित्तारिया पंचविहा पण्णत्ता / तंजहा सामाइयचरित्तारिया, छेओवट्ठावणीयचरित्तारिया, परिहारविसुद्धिचरित्तारिया, सुहुमसंपरायचरित्तारिया, अहक्खायचरित्तारिया य / सेकिंतं सामाइयचरित्तारिया 12 दुविहा पण्णत्ता / तंजहा / इत्तरियसामाइयचरित्तारिया आवकाहयासमिाझ्य-चरित्तारियायासेत्तंसामाइयचरित्तारिया। से किंतं छेओवट्ठावणीयचरित्तारिया १२दुविहा पण्णत्ता तंजहा। / साइयारा छेओवट्ठावणीयचरित्तारिया निरइयारा छेओवठ्ठावणीयचरित्तारिया। सेत्तं छेओवट्ठावणीयचरित्तारिया। सेकिंतं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया ? 2 दुविहा पण्णत्ता / तंजहा निटिवस्समाणपरिहारविसुद्धियचरित्तारिया निवट्ठकाइयपरिहारविसुद्धियचरित्तारियाय। सेत्तं परि-हारविसुद्धियचरित्तारिया / से किंतं सुहुमसंपरायचरित्तारिया ? 2 दुविहा पण्णत्ता तं जहा, संकिलिस्समाण-सुहुमसंपरायचरित्तारिया विसुज्झमाणसुहमसंपराय-चरित्तारिया सेत्तं सुहुमसंपरायचरित्तारिया। से किंतं अहक्खायचरित्तारिया ? 2 दुविहा पण्णत्ता, तंजहाछउमत्थअहक्खायचरित्तारिया केवलिअहक्खायचरित्तारिया य सेत्तं अहक्खायचरित्तारिया / सेत्तं चरित्तारिया / सेत्तं अणविपत्तारिया। सेत्तं आयरिया। प्रज्ञा० 105. / / आराद्यातःसर्वहेयधर्मेभ्य इत्यार्यः। मोक्षमार्गे, (आरियं-उवसंपजे.) सूत्र०१८ अ० / आराद् यातं सर्वकुयुक्तिभ्य इत्यार्य तत्वम् / तत्वे,। (आयरियं विदित्ताणं, सव्वदुक्खा विमुच्चइ) आयरियंति सूत्रत्वात् आराद् यातं सर्वकुयुक्तिभ्य इत्याय्यं तत्वंतद्विदित्वा ज्ञात्वेति (त्त०३६। प्रगुणे, न्यायोपपन्ने, आर्य प्रगुणं न्यायोपपन्नमिति। आचा.२ अ०५ उ / / आयरियउवज्झाय-पु. (आचार्योपाध्याय) आचार्यसहित उपाध्याय आचार्योपाध्यायः / आचार्यसहिते उपाध्याये (आयारियउवज्झाए विसंभेजा) व्या. सू०३ उ. | आचार्यसहित उपाध्याय आचार्योपाध्यायः। आचार्य उपाध्यायश्चेत्यर्थः आचार्यश्च स एवोपाध्यायः आचार्योपाध्यायः आचार्य्यरूपे उपाध्याये, स हि केषां चिदाचार्यः केषांचिदुपाध्याय इति / व्य०३ उ० / / आ (य) रियखेत्त-न (आर्यक्षेत्र) अर्द्धषड्विंशतिजनपदोपलक्षिते राजगृहमगधादिके, सूत्र०१ श्रु०५ अ॥ सार्द्धपञ्चविंशातिः आर्यक्षेत्राणि (आयरिय) शब्दे पृष्ठे 336 पंक्तौ 21 उक्तानि / / यस्मादत्र एतेषु सार्द्धषड्वंशतिसंख्येषु जनपदेषुत्पत्तिर्जि नानां तीर्थकराणां चक्रवर्तिनां रामाणां बलदेवानां कृष्णानां वासुदेवानां तत आर्यमेतेन क्षेत्रस्यार्यानार्यव्यवस्था दर्शिता यत्र तीर्थकरादीनामुत्पत्तिस्तदार्य शेषमनार्यमिति / आवश्यकचूर्णी पुनरित्थमार्यव्यवस्था उक्ता "जेसु केसुवि पएसेसु मिहुणगाणि यइट्ठिएसुहकाराईया नीई परूढाते आयरिया सेसा अणारिया इति" एते च प्रत्यासत्या भरतक्षेत्रवर्तिन एव आर्या उक्ताः। उपलक्षणत्वाश्चैषामन्येऽपि महाविदेहांतर्वतिविजयमध्यमखंडादिष्यमी बहवो द्रष्टव्या इति / प्रव. 276 द्वा० / आर्यक्षेत्रसीमा निशीथचूर्णी यथा 16 अ / मगहा कोसंबीया, थूणाविसओ कुणालविसओ य। एसा विहारभूमी, पत्ता आयरियं खेत्तं // 635 / / पुव्वेण मगहविसओदक्खिणेण कोसंबी अवरेण थूणाविसओ