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________________ 929 तः - वि० से क्रि० वि०- (अंश से) अंशतः, अनिवार्यतः, प्रथमतः, मूलतः, विशेषतः, साधारणतः, सामान्यतः स्वतः । तम - वि० से वि०- ( उच्च से) उच्चतम, (कठिन से कठिनतम, (कठोर से) कठोरतम, (गुरु से ) गुरुतम, (दृढ़ से) दृढ़तम, (निम्न से) निम्नतम, (मृदु से) मृदुतम, (लघु से) लघुतम, (बृहत से) बृहत्तम, ( श्रेष्ठ से) श्रेष्ठतम । तया - वि० से क्रि० वि०- (विशेष से) विशेषतया, (साधारण से) साधारणतया, (सामान्य से) सामान्यतया । तर - वि० से वि०- ( उच्च से) उच्चतर, (कठिन से कठिनतर, (गुरु से ) गुरुतर, (दृढ़ से ) दृढ़ढ़तर, (निम्न से) निम्नतर, (मृदु से) मृदुतर, (लघु से) लघुतर, (वृहत् से) वृहत्तर ( श्रेष्ठ से) श्रेष्ठतर । तव्य–क्रि० से वि०- (कृ से) कर्तव्य, (क्षम् से) क्षमतव्य, ( गम् से) गन्तव्य, (ज्ञा से) ज्ञातव्य, (दा से) दातव्य, (दृश, से) द्रष्टव्य, (प्राप् से) प्राप्तव्य, (वच् से) वक्तव्य । ता - वि० से भाव०- (अग्र से) अग्रता, (आत्मीय से) आत्मीयता, (आधुनिक से) आधुनिकता, (आवश्यक से) आवश्यकता, (कटु से) कटुता, (क्रूर से) क्रूरता, (गंभीर से) गंभीरता, (गुरु से) गुरुता, (चपल से) चपलता, (तीक्ष्ण से) तीक्ष्णता, (धीर से) धीरता, (मधुर से) मधुरता (मम् से) ममता, (मूर्ख से) मूर्खता, (मृदु से) मृदुता, (लघु से) लघुता, (विषम से) विषमता, (वीर से) वीरता, (व्याकुल से) व्याकुलता, (समान से) समानता, (सहृदय से ) सहृदयता । ता-सं० से भाव०- (दानव से) दानवता, (पशु से) पशुता, (मनुष्य से) मनुष्यता, (मानव से) मानवता, (मित्र से) मित्रता, (शत्रु से) शत्रुता । ति - भाव० - (कृ से) कृति, (ख्या से) ख्याति, (धृ से) धृति, (भृ से) भृति, (वृध् से) वृद्धि, (वृष् से) वृष्टि, (श्रु से) श्रुति, (सृज् से) सृष्टि, (स्तु से) स्तुति । ती - ( हिं०) भाव० - गिनती, घटती, चुकती, फुरती, बढ़ती । तृ - (हिन्दी में ता, स्त्री त्री) क्रि० से कर्तृ०- (कृ से) कर्ता, कत्री, (दा से) दाता, दात्री, (धा से) धाता, धात्री, (नी से) नेता, नेत्री, (पा से) पिता, पितृ, (भृ से) भर्ता, भर्त्री (मा से) माता, मातृ । त्र - वि० से क्रि० वि० - अन्यत्र, एकत्र, सर्वत्र । त्व-सं० या वि० से भाव०- ( अमर से) अमरत्व, (एक से) एकत्व, (कृति सें) कृतित्व, (गुरु से) गुरुत्व, (द्वि से) द्वित्व, (नारी से) नारीत्व, (पशु से) पशुत्व, (पुरुष से) पुरुषत्व, ( प्रभु से) प्रभुत्व, (बंधु से) बंधुत्व, (ब्राह्मण से) ब्राह्मणत्व, (मनुष्य से) मनुष्यत्व, (महा से) महत्व, (स्त्री से) स्त्रीत्व । था - वि० से क्रि० वि - अन्यथा, तथा, यथा, सर्वथा । द- देनेवाला - जलद, दुःखद, धनद, लाभप्रद, सुखद । दान, दानी-उर्दू सं० से सं०- आतशदान, इत्रदान, कलमदान, गुलाबदान, चायदानी, चूहेदानी, पानदान, फूलदान, मच्छरदानी । दार - (उर्दू) सं० से वि०-असरदार, इज़्ज़तदार, ओहदेदार, ख़बरदार, चमकदार, चित्तीदार, धारदार, फलदार, मालदार, समझदार ।
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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