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________________ 926 आन-(हिं०) वि० से भाव०- (ऊँचा से) ऊँचान, (चौड़ा से) चौड़ान, (नीचा से) निचान, (लंबा से) लंबान। आना-(हिं)-स्थान-अहिराना, कम्हारना, कोइराना, राजपूताना। आन-(हिं०) क्रि० से भाव०-उड़ान, चालान, ढलान, मिलान, रुझान, लगान । आना-(उर्दू) वि०-अमीराना, ज़नाना, मर्दाना, रोज़ाना, सालाना। आनी-पु० से स्त्री०- (इंद्र से) इंद्राणी, (भव से) भवानी, (रुद्र से) रुद्राणी, (शिव से) शिवानी। आना-(हिं०) पु० से स्त्री०- (जेठ से) जेठानी, (देवर से) देवरानी, (नौकर से) नौकरानी, (मेहतर से) मेहतरानी। आपा-(हिं०) वि० से भाव०- (बूढ़ा से) बुढ़ापा, (मोटा से) मोटापा, (राँड़ से) रँडापा। आर-(हिं०) सं० से कर्तृ०-कुम्हार, चमार, लोहार, सुनार । आलु-क्रि० से वि०- (कृप से) कृपालु, (शि से) शयालु आलू-(हिं०) सं० से वि०-झगड़ालू, लजालू, शरमालू। आव-हिं० क्रि० से भाव०-अटकाव, कसाव, घुमाव, छलावा, छिड़काव, छिपाव, जमाव, झुकाव, टकराव, डरावा, दुराव, पछतावा, पड़ाव, फैलाव, बचाव, बदलाव, बहकावा, बहाव, बुलावा, सुझाव। आवट-(हिं०) क्रि० से भाव०-थकावट, दिखावट, रुकावट, लिखावट, सजावट । आवना-(हिं०) सं० से वि०-डरावना, भयावना, लुभावना, सुहावना। आस-(हिं०) इच्छार्थक-निंदास, प्यास, बुलास, मुतास, हगास । आस-(हिं०) वि० से भाव०-खटास, मिठास । आहट-(हिं०) वि० से भाव०-कड़वाहट, चिकनाहट । आहट-(हिं०) क्रि से भाव०-उकताहट, खुजलाहट, गुर्राहट, घबराहट, चिल्लाहट, बिलबिलाहट, बौखलाहट, सरसराहट । इ-भाव०- (कृष् से) कृषि, (रुच् से) रुचि । इक-सं० से वि०- (अक्षर से) आक्षरिक, (इतिहास से) ऐतिहासिक, (उद्योग से) औद्योगिक, (जीव से) जैविक, (दर्शन से) दार्शनिक, (दिन से) दैनिक, (पक्ष से) पाक्षिक, (पशु से) पाशविक, (पुराण से) पौराणिक, (प्रकृति से) प्राकृतिक, (प्रदेश से) प्रादेशिक, (बुद्धि से) बौद्धिक, (भूगोल से) भौगोलिक, (भूत से) भौतिक, (मानस् से) मानसिक, (मुख से) मौखिक, (मूल से) मौलिक, (योग से) यौगिक, (रसायन से) रासायनिक, (रेखा से) रैखिक, (वेद से) वैदिक, (शिक्षा से) शैक्षिक, (समय से) सामयिक, (साहस से) साहसिक, (साहित्य से) साहित्यिक। इका-पु० (-अक) से स्त्री०-(अध्यापक से) अध्यापिका, (नायक से) नायिका, (बालक से) बालिका, (याचक से) याचिका, (लेखक से) लेखिका, (संचालक से) संचालिका, (संपादक से) संपादिका। इत-सं० से वि०- (अंक से) अंकित, (अंकुर से) अंकुरित, (अपच से) अपचित, (आनंद से) आनंदित, (खण्ड से) खण्डित, (तरंग से) तरंगित, (पुष्प से) पुष्पित, (फल से) फलित।
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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