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साइर
साइर - बो० (पु० ) सायर साइरन - अं० ( पु० ) भोंपू (जैसे- साइरन की आवाज़, साइरन बजना) साई - (पु० )
साँईं
साई - (स्त्री०) 1 बयाना, पेशगी धन 2 गाने बजाने के लिए दिया
गया धन
साईस - अ० ( पु० ) घोड़े की देखभाल करनेवाला नौकर साईसी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) साईस का काम साउथ - अं० (पु०) दक्षिण दिशा
= साग
साक - (पु० )
साकल्य-सं० (५०) समग्रता
साका - (पु० ) 1 यश, कीर्ति 2 धाक, रोब
साकार - सं० (वि०) 1 आकारयुक्त 2 रूप विशिष्ट 3 स्थूल, मोटा 4 अस्तित्व में आया हुआ (जैसे-स्वप्न साकार हो गए) । ~ता (स्त्री०) साकार होने का भाव, साकारपन साकारोपासना-सं० (स्त्री०) ईश्वर को मूर्त रूप बनाकर उसकी की गई उपासना
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साकिन- अ० (वि०) 1 अचल 2 गति रहित 3 निवासी (जैसे- महादेव साकिन कैलाश पुरी रामेश्वरम्) साक्रिया - अ० (पु०) शराब पिलानेवाली स्त्री साक़ी - अ० ( पु० ) 1 शराब पिलानेवाला व्यक्ति 2 शराब पिलानेवाली प्रेमिका
साकूत - सं० (वि०) 1 सार्थक 2 साभिप्राय 3 क्रीड़ायुक्त साकेट - अं० (पु० ) खोल, खाँचा साकेत-सं० (पु० ) अयोध्या
साक्षर -सं० (वि०) पढ़ा लिखा, शिक्षित। ~ता (स्त्री०) शिक्षित होने का भाव
साक्षात् - I सं० (अ० ) 1 सम्मुख, सामने 2 प्रत्यक्ष 3 शरीर रूप में (जैसे-विद्या में तो वह साक्षात् बृहस्पति है ) II (वि०) मूर्तिमान्, साकार साक्षात्कार-सं० (पु० ) 1 सामने आना 2 प्रत्यक्ष भेंट, मुलाक़ात 3 स्पष्ट ज्ञान (जैसे-ईश्वर का साक्षात्कार, मानसिक साक्षात्कार)
साक्षात्कारी - सं० (वि०) साक्षात् करनेवाला
साक्षात्कृत -सं० (वि०) साक्षात्कार कराया हुआ साक्षिणी-सं० (स्त्री०) गवाही देनेवाली
साक्षी - सं० (पु० ) गवाही देनेवाला। ~करण (पु० ) साक्ष्यंकन; कृत (वि०) साक्ष्यांकित; परीक्षा (स्त्री०) गवाह की परीक्षा लेना
साक्षेप - I सं० (वि०) 1 आपत्तिजनक, अपेक्षात्मक 2 व्यंग्य युक्त II ( क्रि० वि०) आक्षेपपूर्वक साक्ष्यंकन-सं० (पु० ) प्रमाणीकरण साक्ष्यांकित -सं० (वि०) प्रमाणित
साक्ष्य -सं० ( पु० ) 1 गवाही, शहादत 2 प्रमाण साख - ( स्त्री०) 1 धाक, रोब 2 प्रतिष्ठा, मर्यादा साखी - I ( पु० ) 1 गवाह 2 मित्र और सहायक साखी - II (स्त्री०) 1 गवाही, शहादत 2 साधूसंतों के पद साखू - ( पु० ) शाल का पेड़, सखुआ साग- ( पु० ) 1 शाक 2 तरकारी। पात (पु० ) 1 साधारण भोजन 2 उपेक्ष्य और तुच्छ वस्तु; ~भाजी (स्त्री०) रूखा
साठा
सूखा भोजन; ~सब्ज़ी + फ़ा० ( स्त्री०) साधारण खाना सागर-सं० ( पु० ) = समुद्र। ~गामी (वि०) = समुद्रगामी;
~पारीय (वि०) = समुद्रपारीय मंथन (पु० ) = समुद्र मंथन यात्री (पु० ) समुद्र की यात्रा करनेवाला व्यक्ति; ~ विज्ञान, ~ शास्त्र (पु० ) = समुद्र विज्ञान; संगम ( पु० ) वह स्थान जहाँ सागर मिलते हैं सागरिक सं० (वि०) सागरीय - सं० (वि०) सागर संबंधी, सागर का (जैसे- सागरीय नौका, सागरीय बेड़ा)
=
समुद्री
सागवन, सागवान - ( पु० ) = सागौन
सागू - अं० ( पु० ) ताड़ की जाति का एक पेड़। दाना + फ़ा० (पु० ) सागू नामक वृक्ष के तने का गूदा सागौन - ( पु० ) शाल वृक्ष साग्निक - सं० (पु० ) अग्नि से युक्त साग्रसं० (वि०) सब, कुल
साग्रह-सं० (क्रि० वि०) आग्रह के साथ साघात-सं० (वि०) = सबल साचिव-सं० (वि०) सचिव का
साचिविक-सं० (वि०) सचिव संबंधी साचिव्य-सं० (पु० ) 1 सचिव होने का भाव, सचिव का पद साज़- I + फ़ा० (पु० ) 1 सामान 2 गाने के साथ बजाया जानेवाला बाजा 3 सजावट की सामग्री II (वि०) बनानेवाला (जैसे- घड़ी साज़)। बाज़ (पु० ) 1 आवश्यक सामग्री 2 सजावट 3 हेल मेल, मेल जोल; ~संगीत + सं० (पु० ) वाद्य संगीत ~ सजावट + हिं०, सज्जा + सं० (स्त्री०) सजावट ; ~ सामान (पु० ) 1 सामग्री, असबाब (जैसे-बरात का साज़ सामान मत भूलना) 2 ठाट बाट 3 उपकरण (जैसे - वैज्ञानिक साज़ सामान); सिंगार + हिं० (पु० )
सजावट
साजन - (पु० ) 1 प्रेमी 2 पति
साजात्य-सं० (पु० ) वर्ग की समानता
साज़िंदा - फ्रा० (पु० ) 1 बाजा बजानेवाला 2 वेश्याओं आदि के साथ बाजा बजानेवाला
साज़िश - फ्रा० षड़यंत्र, कुचक्र
साज़िशी - फ़ा० (वि०) षड्यंत्री, कुचक्री
साजोसामान - फ़ा० (पु० ) = साज़ सामान
साझा - ( पु० ) हिस्सेदारी, भागीदारी। पत्र + सं० ( पु० ) साझेदारी का अनुबंध पत्र ~भंग + सं० (पु० ) भागीदारी टूटना
साझी - ( पु० ) हिस्सेदार, भागीदार। ~ मंडी (स्त्री० ) = साझा
बाज़ार
साझेदार हिं० + फ़ा० (पु०) साझा करनेवाला साझेदारी - हिं० + फ़ा० (स्त्री०) हिस्सेदारी
साटक - (पु० ) 1 अन्न आदि का छिलका, भूसी 2 तुच्छ वस्तु साटन-अं० (स्त्री०) एक रेशमी कपड़ा
साठ - I (वि०) पचास से दस अधिक II (पु०) '60' की संख्या। ~नाठ I ( वि० ) 1 धनहीन 2 रसहीन 3 छिन्न भिन्न II (स्त्री०) 1 मेल जोल 2 अनुचित संबंध 3 षड्यंत्र साठसाती - (स्त्री०) साढ़ेसाती साठा - I (वि०) साठ वर्ष की उम्रवाला
=