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सगंध 796
सज़ा ता (स्त्री०) सख्य होने का भाव; ~भाव (पु०) मैत्री | सचित्र-सं० (वि०) 1 चित्रित 2 चित्रों से युक्त (जैसे-सचित्र भाव, मित्रता की भावना
पुस्तक) सगंध-सं० (वि०) 1 गंध युक्त 2 खुशबूदार
सचिव-सं० (पु०) 1 मंत्री, वजीर 2 संस्था का उत्तरदायी सगपहती-(स्त्री०) साग मिलाकर पकाई गई दाल
व्यक्ति 3 सहायक (जैसे-निजि सचिव) 4 विभाग का सगभत्ता-बो० (पु०) साग मिलाकर पकाया गया भात उच्चाधिकारी (जैसे-वित्त सचिव) सगरा-I बो० (वि०) = सकल
सचिवत्व-सं० (पु०) सचिव का पद और कार्य सगरा-II (पु०) बो० 1 तालाब 2 झील 3 समुद्र सचिवाधिकार-सं० (पु०) सचिवों का शासनकाल सगर्भ-सं० (वि०) सगा, सहोदर
सचिवालय-सं० (पु०) सरकार के सचिवों, मंत्रियों तथा सगर्भा-सं० (स्त्री०) 1 गर्भवती स्त्री 2 सहोदरा
विभिन्न विभाग के प्रधान अधिकारियों आदि के कार्यालयों का सगर्व-सं० (वि०) अभिमानी, घमंडी
समूह, सेक्रेटेरियट सगलगी-(स्त्री०) 1 आत्मीयता प्रदर्शन 2 खुशामद
सचेत-सं० (वि०) 1 चेतन युक्त 2 सावधान (जैसे-सचेत सगवारा-बो० (पु०) गाँव के आसपास तथा उससे संबद्ध । रहना)
सचेतक-I सं० (वि०) सजग करनेवाला || (पु०) सगा-(वि०) 1 एक ही गर्भ से उत्पत्र, सहोदर 2 अपने ही कुल | विधायिका, संसद आदि का अनुशासन संबंधी एक अधिकारी
का (जैसे-सगा चाचा)। ~पन (पु०) आत्मीयतापूर्ण संबंध, | सचेतन-1 सं० (पु०) विवेक युक्त प्राणी 2 चेतन II (वि०) सगा होने का भाव; ~संबंधी +सं० (पुर) निकट के | चेतना युक्त 2 सावधान 3 होशियार, चतुर रिश्तेदार
सचेती-(स्त्री०) सचेत होने का भाव सगाई-(स्त्री०) 1 मँगनी, विवाह का ठहराव 2 नाता, रिश्ता, सचेष्ट-सं० (वि०) चेष्टा युक्त संबंध 3 आत्मीयता और घनिष्ठता का संग 4 घनिष्ठ पारिवारिक सच्चरित्र-सं० (वि०) सदाचारी संबंध
सच्चा-(वि०) 1 सच बोलनेवाला, सत्यवादी (जैसे-सच्चा सग़ीर कबीर-अ० (पु०) छोटे बड़े
विद्यार्थी, सच्चा बालक) 2 विशुद्ध, खरा (जैसे-सच्चा सोना सगुण-सं० (वि०) गुणयुक्त। “ता (स्त्री०) सगुण होने का | 3 दोष रहित (जैसे-सच्चा कथन) 4 असली, वास्तविक भाव
(जैसे-साड़ी पर सच्ची जरी का काम है) 5 संदेह रहित, सगुनाना-(स० क्रि०) शगुन से शुभ-अशुभ फलों का विचार | असंदिग्ध (जैसे-बात का सच्चा)। ~पन (पु०) - सच्चाई करना
सच्चाई-(स्त्री०) सत्यता, सचाई सगुनिया-(पु०) शकुन विचारनेवाला
सच्चित-सं० (पु०) सत् और चित् दोनों से युक्त ब्रह्मा सगुनौती-(स्त्री०) शकुन विचारने का काम
सच्चिदानंद-सं० (पु०) सत् चित् और आनंद स्वरूप प्रभु सगोती-(पु०) एक ही परिवार के लोग
सज-(स्त्री०) 1 सजावट 2 बनावट का ढंग 3 सुंदरता 4 शोभा सगोत्र-सं० (पु०) 1 एक ही पूर्वज से उत्पन्न लोग 2 कुल, वंश (जैसे-सजधज से युक्त नारी। ~दार + फ़ा० (वि०) अच्छी
आकृतिवाला, सुंदर; ~धज (स्त्री०) 1 ठाटबाट 2 बनाव सघन-सं० (वि०) 1 घना, गझिन (जैसे-सघन वन) 2 ठोस श्रृंगार, सजावट
(जैसे-सघन पदार्थ)। ता (स्त्री०) निविड़ता, अविरलता | सजग-(वि०) सतर्क, सावधान। ~कारी + सं० (वि०) सच-(वि०), 1 वास्तविक 2 झुठ रहित, सत्य (जैसे-हम सजग रहनेवाला सबको सच बोलना चाहिए)
| सजन-I (पु०) 1 प्रियतम, पति 2 सज्जन 3 संबंधी II (वि०) सचकित-सं० (वि०) आश्चर्य में पड़ा हुआ, | जन सहित भौचक्का
सजना-I (अ० क्रि०) 1 अलंकत होना 2 फबना, शोभित सचमुच-(अ०) 1 यथार्थतः, ठीक-ठीक 2 अवश्य, निश्चित होना II (स० क्रि०) 1 सजाना 2 व्यवस्थित करना III रूप से (जैसे-सचमुच वह उत्तीर्ण हो गया)
(पु०) प्रियतम (जैसे-सजना की याद आना) सचराचर-सं० (पु०) चर और अचर सभी वस्तुएँ सजनी-(स्त्री०) सखी, सहेली सचल-सं० (वि०) 1 चलता हुआ 2 चंचल (जैसे-सचल | सजल-सं० (वि०) 1 जल से युक्त 2 अश्रुपूरित (जैसे-सजल नेत्र) 3 चलाने की शक्ति से युक्त (जैसे-सचल यंत्र) 4 एक नयन) 3 तरल पदार्थ से युक्त। नयन (वि०) अश्रुपूर्ण स्थान से अन्य स्थान को ले जाना (जैसे-सचल चिकित्सालय) नेत्र सचाई-(स्त्री०) 1 सत्यता 2 वास्तविकता जैसे-सचाई प्रकट न सजवाई-(स्त्री०) 1सजवाने का काम 2 सजवाने का करना)
पारिश्रमिक सवान-(पु०) बाज, श्येन
सजवाना-(स० क्रि०) सजाने का काम कराना सचावट-बो० (स्त्री०) = सचाई
सज़ा-फा० (स्त्री०) 1 दंड 2 बदला 3 कारावास (जैसे-हत्या सचिंत-सं० (वि०) चिंता से युक्त
की सज़ा भुगतना) 4 जुर्माना (जैसे-किताब खो जाने की सज़ा, सचिक्कण-सं० (वि०) बहुत चिकना
झूठ बोलने पर सज़ा)। ~याफ्ता (वि०) 1 दंड पाया हुआ, सचित्-सं० (वि०) ज्ञान युक्त
दंडित 2 सजा पानेवाला (जैसे-सज़ायाफ्ता कैदी); ~याब सचित्त-सं० (वि०) ध्यानमग्न
(वि०) 1दंड का अधिकारी 2 सज़ा का अधिकारी, सज़ा
3 जाति