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________________ शुक्लत्व 778 शून्यत्व शुक्लत्व-सं० (पु०) = शुक्लता शुभैषी-सं० (पु०) शुभ का इच्छुक शुचि-सं० (वि०) 1 शुद्ध, पवित्र 2 साफ़, स्वच्छ 3 निर्दोष | शुभ्र-सं० (वि०) 1 श्वैत, सफ़ेद (जैसे-शुभ्र कमल, शुभ्र 4 निष्कपट, निश्छल (जैसे-शुचि हृदय, शुचि मन) । वर्णा) 2 उज्जवल (जैसे-शुभ्र तारा)। ता (स्त्री०) 1 शुभ्र ~कर्मा (वि०) सदाचारी; ~ता (स्त्री०) 1 शुचि होने का होने का भाव 3 उज्जवलता भाव 2 निष्कपटता 3 निर्मलता 4 पवित्रता, शुद्धता शुभ्रक-सं० (वि०) शुभ्र करनेवाला शुची-सं० (वि०) पवित्र करनेवाला शुमार-फ़ा० (पु०) 1 संख्या 2 हिसाब, लेखा 3 गिनती शुजा-अ० (वि०) दिलेर, शूरवीर शुमारी-फ़ा० (पु०) गणना कार्य शुजाअत-अ० (स्त्री०) वीरता, शूरता शुमाल-अ० (पु०) 1 बायाँ हाथ 2 उत्तर दिशा शुतुर-फ़ा० (पु०) ऊँट । मुर्ग (पु०) लंबी गर्दनवाला मुर्गे शुरू-अ० (पु०) आरंभ, प्रारंभ की जाति का एक बड़ा पक्षी शुरूआत-अ० (स्त्री०) शुरू करना शुदनी-फ़ा० (स्त्री०) 1 भावी, होनहार, होनी 2 आकस्मिक | शुल्क-सं० (पु०) 1 कर 2 पढ़ने आदि की फ़ीस (जैसे-प्रवेश दुर्घटना शुल्क, परीक्षा शुल्क) 3 क़ीमत शुद्ध-सं० (वि०) 1 पवित्र 2 निर्मल, साफ़ 3 निर्दोष शुल्कार्ह-सं० (वि०) शुल्क के योग्य . (जैसे-शुद्ध मन, शुद्ध हृदय) 4 सही, ठीक (जैसे-शुद्ध शुश्रुषण-सं० (पु०) शुश्रूषा करने की क्रिया, कला या विद्या वाक्य) 5 बिना मिलावट का (जैसे-शुद्ध दूध, शुद्ध घी) शश्रूसा-सं० (स्त्री०) 1 परिचर्या, सेवा 2 कर्तव्यपरायणता। 6 अनुपम, बेजोड़ 7 निष्पाप (जैसे-शुद्ध कर्म)। ~ता ता (स्त्री०) 1 सूखापन 2 नीरसता 3 निस्सारता 4 कठोरता (स्त्री०) शुद्ध होने का भाव; ~ता वाद (पु०) शुद्ध रूप | शुष्क-सं० (वि०) 1सूखा, अनार्द्र 2 नीरस (जैसे-शुष्क हृदय, और व्यवहार पर बल देनेवाला सिद्धांत; ता वादी (वि०) शुष्क कार्य)। 3 निष्प्रयोजन, निस्सार 4 कठोर (जैसे-शुष्क शुद्धतावाद संबंधी; पक्ष (प.) = शुक्ल पक्ष; हृदय लकड़ी) तर्क (पु०) बेकार की बहस; ~भूमि (स्त्री०) (वि०) पवित्र मनवाला (जैसे-शुद्ध हृदय की गाथा) सूखी ज़मीन शुद्धत्व-सं० (पु०) = शुद्धता शुष्कन-सं० (पु०) 1 शुष्कीकरण 2 सुखाने की क्रिया शुद्धाशुद्ध सूची-सं० (स्त्री०) = शुद्धि पत्र शुहदा-अ० (पु०) = शोहदा शुद्धि-सं० (स्त्री०) 1 शुद्धता 2 सफ़ाई, स्वच्छता 3 पवित्रता शुहरत-अ० (स्त्री०) = शोहरत (जैसे-मन की शुद्धि) 4 परिशोध (जैसे-ऋण परिशोध)। शूक-सं० (पु०) 1 वस्तु का चिकना, नुकीला अग्र भाग 2 जौ ~कर शुद्ध करनेवाला; ~कारक (वि०) पवित्र आदि की बाल का नुकीला हिस्सा, ट्रॅड 3 काँटा 4 लिंग वर्द्धक करनेवाला; ~पत्र (पु०) ग्रंथ आदि के अंत में लगाया गया औषधियों के लेप से उत्पन्न एक रोग। कीट (पु०) नुकीले शुद्ध और अशुद्ध संबंधी पत्र; ~वाद (पु०) = शुद्धतावाद; रोओंवाला एक कीड़ा ~वादी (वि०) = शुद्धतावादी शूकर-सं० (पु०) सूअर । ~पालन (पु०) सूअर पालना; शुद्धीकरण-सं० (पु०) = शुद्धि ~मांस (पु०) सूअर का मांस शुबहा-अ० (पु०) 1 संदेह, शक 2 धोखा, भ्रम शूकरी-सं० (स्त्री०) सुअरी शुभकर-सं० (वि०) 1शुभ या मंगल करनेवाला 2 प्रसन्न शूट-अं० (पु०) 1 निशाना मारना 2 चित्र लेना करनेवाला शूटिंग-अं० (स्त्री०) 1 गोली मारना 2 फ़ोटो लेना, छायांकन शभ-I सं० (वि.) 1 मंगलमय, कल्याणकर 2 अनुकूल । शूद्र-I सं० (पु०) 1 हिंदुओं के चार प्रमुख वर्गों में से एक 3 अच्छा (जैसे-शुभ घड़ी) II (पु०) कल्याण, मंगल। 2 उक्त वर्ण का व्यक्ति 3 सेवक II (वि०) अत्यंत बुरा, ~कर (वि०) मंगलकारी, कल्याणकारी; ~कामना (पु०) | निकृष्ट (जैसे-शूद्र कर्म, शूद्र व्यक्ति) मंगल कामना; ~चिंतक (वि०) भलाई चाहनेवाला, हितैषी; शूद्रा-सं० (स्त्री०) शूद्र जाति की स्त्री, शूद्राणी लक्षण (पु०) अच्छे लक्षण; ~समाचार (पु०) शुभ शून्य-[ सं० (वि०) 1 खाली (जैसे-शून्य गर्भ) 2 निराकार संदेश; ~सूचक (वि०) शुभ की सूचना देनेवाला 3 अस्तित्वहीन 4 अवास्तविक, असत् 5 रहित (जैसे-ज्ञान शुभा-सं० (स्त्री०) = शोभा, कांति, छवि शून्य, हृदय शून्य) II (पु०) 1 खाली स्थान 2 आकाश शुभाकांक्षा-सं० (स्त्री०) शुभ इच्छा 3 विंदु, बिंदी 4 अभाव 5 ग० अभाव सूचक चिह्न 6 ईश्वर शुभाकांक्षी-सं० (वि०) 1 शुभ आकांक्षा करनेवाला 2 शुभ (जैसे-आत्मा का शून्य में लीन होना)| ~ता (स्त्री०) शून्य चिंतक होने का भाव; दृष्टि (स्त्री०) भावहीन दृष्टि; -बहरी + शुभागमन-सं० (पु०) मंगलप्रद और सुखद आगमन हिं (स्त्री०) शरीर के किसी अंग को निस्पंद करनेवाला एक शुभारंभ-सं० (पु०) अच्छी शुरुआत रोग; ~मध्य (वि०) जिसका बीच का हिस्सा खाली हो शुभाशुभ-सं० 1 भला और बुरा 2 पवित्र और अपवित्र (जैसे-नल, नलिका आदि); ~वाद (पु०) संसार को शून्य शुभेच्छा-सं० (स्त्री०) शुभ इच्छा (जैसे-शुभेच्छाएं प्रकट और उसके सभी पदार्थ को सत्ताहीन मानने का सिद्धांत; करना) ~वादी I (पु०) 1 शून्यवाद का अनुयायी 2 नास्तिक II शुभेच्छु-सं० (वि०) = शुभ चिंतक (वि०) शून्यवाद संबंधी; ~विभक्ति (स्त्री०) जिसमें कोई शुभेतर-सं० (वि०) बुरा, ख़राब 2 अशुभ, अमांगलिक कारक नहीं लगता; हृदय (वि०) अनमना शुभैषिणी-सं० (वि०) शुभ चाहनेवाली शून्यत्व-सं० (पु०) = शून्यता
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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