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विमिश्रित
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विरावी
विमिश्रित-सं० (वि०) मिलाई गई
विरंजन-सं० (पु०) रंजन से रहित रहना विमीय-सं० (वि०) विमा संबंधी
विरक्त-सं० (वि०) 1 आसक्तिरहित 2 भोग विलास आदि से विमुक्त-सं० (वि०) 1 आजाद, स्वतंत्र 2 छोड़ा गया |
। दूर रहनेवाला 3 उदास, खिन्न (जैसे-विरक्त भाव, विरक्त 3 कार्यभार से मुक्त
नायिका)। ~ता (स्त्री०) विरक्ति विमुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 विमुक्त करना 2 विछोह 3 छुटकारा विरक्ता-सं० (स्त्री०) दुखियारी औरत 4 मोक्ष
विरक्ति-सं० (स्त्री०) 1विरक्त होने का भाव 2 वैराग्य विमुख-सं० (वि०) 1विरत 2 प्रतिकूल 3 वंचित 4 उदासीन 3 उदासीनता, खिन्नता। -जनक (वि०) विरक्ति पैदा (जैसे-विमुख मन)
करनेवाला विमुग्ध-सं० (वि०) 1 भ्रमित 2 मोहित (जैसे-विमुग्ध विरचन-सं० (पु०) निर्माण, बनाना नायिका)
विरचयिता-सं० (पु०) निर्माण करनेवाला विमुग्धक-सं० (वि०) विमुग्ध करनेवाला
विरचित-सं० (वि०) 1निर्मित 2 पूरा किया हुआ विमुद्रीकरण-सं० (पु०) मुद्रा का मूल्य घटाना
विरज-सं० (वि०) 1 धूल, गर्द आदि से रहित 2 स्वच्छ, निर्मल विमूढ़-सं० (वि०) 1 अत्यंत मोहित 2 भ्रम में पड़ा हुआ विरत-सं० (वि०) 1 अंत हुआ 2 अनुरक्त 3 संलग्न, लीन (जैसे-विमूढ़ नायिका) 3 बड़ा या बहुत नासमझ
(जैसे-कर्म विरत योगी) 4 विरक्त विमूल-सं० (वि०) 1 बिना ज़ड़ का 2 बर्बाद
विरति-सं० (स्त्री०) 1 उदासीनता 2 वैराग्य विमूलन-सं० (पु०) उखाड़ना
विरद-(पु०) 1 बड़ा और सुंदर नाम 2 कीर्ति, यश विमूल्यन-सं० (पु०) मूल्य कम करना (जैसे-रुपए का | विरदावली-(स्त्री०) = विरुदावली विमूल्यन)
विरमण-सं० (पु०) 1 रुकना, ठहरना 2 त्याग करना 3 रमना विमृश्य-सं० (वि०) विमर्श के योग्य
4 भोग विलास विमोक-1 सं० (वि०) 1 दुर्वासना से मुक्त 2 स्पष्ट, साफ़ विरल-सं० (वि०) 1 जो घना न हो (जैसे-विरल बनावटवाला II (पु०) मुक्ति, छुटकारा
कपड़ा) 2 पतला 3 अल्प, थोड़ा विमोक्ष-सं० (पु०) 1 छुटकारा 2 मुक्ति
विरला-(वि०) बहुत कम मिलनेवाला विमोचक-सं० (वि०) मुक्त करनेवाला
विरव-I सं० (वि०) बिना शब्द का 2 निःशब्द, नीरव विमोचन-सं० (पु.) 1 छुड़ाना 2 बाहर करना (जैसे-कर्म | II (पु०) अनेक प्रकार के शब्द विमोचन)
विरस-सं० (वि०) 1 फीका (जैसे-नीरस फल) 2 बिना रुचि विमोचित-सं० (वि०) मुक्त किया हुआ
का 3 साहि० बिना रस के परिपाक के। ता (स्त्री०) विमोह-सं० (पु०) 1 मतिभ्रम 2 भ्रम 3 अज्ञान 4 आसक्ति नीरसता, फीकापन (जैसे-काम विमोह)
विरसा-अ० (पु०) मृतक की संपत्ति विमोहक-सं० (वि०) 1 मोहित करनेवाला 2 ललचानेवाला विरह-सं० (पु०) 1 वियोग 2 अभाव 3 अविद्यमानता
(जैसे-विमोहक चित्र) 3 सुध बुध भुलानेवाला । विरहिणी-सं० (स्त्री०) प्रिय या पति से बिछुड़ी हुई दुःखिनी विमोहन-सं० (पु०) 1 लुभाना 2 ललचाना 3 सुध-बुध भूलना
नायिका विमोहित-सं० (वि०) 1 आसक्त (जैसे-काम विमोहित) विरहित-सं० (वि०) 1 शून्य 2 परित्यक्त 2 बेसुध 3 भ्रम में पड़ा हुआ, भ्रमित
विरही-सं० (वि०) - वियोगी वियुक्त-सं० (वि०) 1 अलग किया हुआ, परित्यक्त 2 वंचित विराग-1 सं० (पु०) 1 राग का अभाव 2 अरुचि 3 विरक्ति 3 अभाव ग्रस्त
II (वि०) रागहीन, उदासीन । ~वादी (वि०) राग आदि से वियुग्म-सं० (वि०) 1 अकेला 2 अस्वाभाविकतावाला दूर रहनेवाला वियोग-सं० (पु०) 1 पार्थक्य 2 विच्छेद 3 विरह, दःख विरागी-सं० (वि०) 1 अनुरागरहित 2 विरक्त 4 अभाव 5 छुटकारा
विराजना-(अ० क्रि०) 1 प्रकाशित होना, शोभित होना वियोगांत-सं० (वि०) दुःखांत
2 विद्यमान होना वियोगात्मक-सं० (वि०) वियोग संबंधी
विराजमान-सं० (वि०) 1 प्रकाशमान 2 उपस्थित वियोगावस्था-सं० (स्त्री०) वियोग होने का भाव विराट-सं० (वि०) अत्यंत विशाल (जैसे-विराट सभा) वियोगी-सं० (वि०) विरही, दुःखी
विराम-सं० (पु०) 1 अटकाव 2 विश्राम। काल (१०) वियोजक-[ सं० (वि०) अलग करनेवाला II (पु०) ग० | विश्राम का समय; चिह्न (पु०) लेखन आदि में प्रयुक्त बड़ी संख्या में से घटाई जानेवाली छोटी संख्या
चिह्न; दायिनी (वि०/स्त्री०) विहीन (वि०) = वियोजन-सं० (पु०) 1 योग का अभाव 2 जुदाई, वियोग विरामहीन; ~संधि (स्त्री०) विश्राम देनेवाली, आगम 3 घटाना
पहँचानेवाली; अस्थायी शांति संधि; हीन (वि०) बिना वियोजित-सं० (वि०) 1 वियोग हुआ 2 वंचित 3 जुदा किया अटकाव का गया
विराव-I सं० 1 शब्द, आवाज़ 2 शोरगुल, हो हल्ला विरंग-सं० (वि०) 1रंगहीन 2 अनेक रंगोवाला
II (वि०) शब्द रहित विरंजक-सं० (वि०) रंग उड़ा देनेवाला
| विरावी-सं० (वि०) 1 शब्द करनेवाला 2 गूंजने वाला